2008-05-28 16:47:20

सुन्दर क्वांगसी की लीचांग नदी

इस साल मई से अक्तूबर तक चाइना रेडियो इंटरनेशनल और चीन के क्वांगसी ज्वाङ स्वायत्त प्रदेश ने संयुक्त रूप से सुन्दर क्वांगसी नामक सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता कर रहे हैं , जिस के लिए पांच परिचयात्मक आलेख प्रस्तुत होंगे । अब आप की सेवा में ज्ञान प्रतियोगिता का पहला लेख पेश है ।

परिचयात्मक आलेख की प्रस्तुति से पहले इस लेख के बारे में एक प्रश्न सुनिएः लिचांग नदी की लम्बाई कितनी है ?

क्वांगसी ज्वाङ स्वायत्त प्रदेश चीन के दक्षिण पश्चिम भाग में स्थित है , प्रदेश में जो क्वीलिन शहर आबाद है , वह असाधारण प्राकृतिक सौंदर्य से विश्व भर में मशहूर है । क्वीलिन शहर में मनोहक करस्ट भूस्थिति और स्वच्छ लिचांग नदी लोगों को अपनी ओर बरबस खींच लेती हैं।

चीन की यात्रा पर आ चुके विदेशियों का यह कहना है कि यदि प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठाना चाहे , तो क्वीलिन के दौरे पर आएं। क्वीलिन में पहाड़ हरा भरा है , नदी के पानी स्वच्छ है और पहाड़ी गुहा विचित्र है। क्वीलिन की लिचांग नदी अपने मनोहक सौंदर्य से विश्वविख्यात है , नदी का दर्शनीय क्षेत्र शहर के केन्द्र से ले कर उतर में श्येनआन काऊंटी और दक्षिण में यांगश्वो तक विस्तृत है , जिस से हो कर लिचांग नदी का पानी कलकल बहता है । लिचांग पर्यटन क्षेत्र में सब से दर्शनीय दृश्यों में लिचांग नदी , लुती गुफा , छिश्येन गुफा , एकल श्रृंग , फुपो पर्वत , और रंगीन पहाड़ शामिल हैं । क्वीलिन शहर की विशेषता का प्रतीक गजनासा पहाड़ यानी हाथी की सुंड रूपी पहाड़ है , जिसे क्वीलिन का पर्यटन चिन्ह माना जाता है ।

गजनासा पहाड़ क्वीलिन शहर के भीतर बहती लिचांग नदी और थऔह्वा नदी के संगम पर खड़ा है, वह क्वीलिन के नामी पहाड़ों में से एक है , गजनासा पहाड़ आज से तीस करोड़ वर्ष पूर्व समुद्र तल में जमा चूने के पत्थर से उत्पन्न हुआ है। देखने में वह जान पड़ता है कि एक भीमकाय हाथी अपनी सुंड को नदी के पानी में डुबो कर पानी ले रहा हो । हाथी की सुंड और नदी की चट्टान के बीच एक विशाल छेद है , जिस से पानी गुजर कर बहता है । दूर से देखने में गजनासा पहाड़ का यह छेद पानी की सतह पर तैरता चांद सा लगता है , जो दर्शकों को एक विस्मयकारी अनुभव प्रदान करता है । पहाड़ की तलहटी में बसे नगर निवासी श्री मा विम्ये ने गजनासा पहाड़ के बारे में एक कथा बतायीः

कहते हैं कि स्वर्ग सम्राट का हाथी दल एक बार क्वीलिन पधारा , क्वीलिन की खूबसूरती से मोहित हो कर वे वापस लौटना नहीं चाहते । स्वर्ग सम्राट ने वापस बुलाने के लिए कई बार आज्ञा जारी की , परन्तु हाथी दल में एक हाथी ने स्वर्ग में लौटने से इनकार किया और क्वीलिन में बसना चाहा , क्रोधित स्वर्ग सम्राट ने एक लम्बी तलवार को हाथी के पीठ से खोंस कर उसे नदी के किनारे पर जड़ित कर दिया, तभी से यह हाथी हमेशा के लिए लिचांग नदी के पास ठहर कर खड़ा हो गया है ।

सौम्य पहाड़ों और जल राशि से विभूषित क्वीलिन में आने के बाद पर्यटक हर वक्त विलक्षण प्राकृतिक सौंदर्य में आनंदित हो जाते हैं और छोड़ कर चले जाना नहीं चाहते हैं।

विश्व के अनेक पर्यटन स्थलों में बड़ी संख्या में पर्यटकों का भारी बोझ पड़ता है और पर्यावरण क्षतिग्रस्त हो गया है । लेकिन क्वीलिन का पर्यावरण अक्षय रहा है । यहां वायु हमेशा ताजा है , पानी हमेशा स्वच्छ है और हर जगह तरोताजा वातावरण व्याप्त हो रहा है। क्वीलिन पर्यटन ब्यूरो के अधिकारी श्री छन युनछुन ने कहा कि क्वीलिन के पारिस्थितिकी को संरक्षित करने के लिए यहां पर्यटन उद्योग के विकास के समय हमेशा संरक्षण पर प्राथमिकता दी जाती है । उन्हों ने कहाः

पर्यावरण संरक्षण प्राथमिक होता है। पर्यटन विकास का मुद्दा जो संरक्षण मापदंड पर नहीं उत्तीर्ण हो , उसे कतई अनुमति नहीं दी जाती है । क्वीलिन में धुआ छोड़ने और प्रदूषण निकालने वाले किसी भी कारखाने की स्थापना की इजाजत नहीं दी जाती है, हम उच्च विज्ञान व तनीक वाले कारोबारों के विकास पर जोर देते हैं।

क्वीलिन के बाद पर्यटक आम तौर पर लिचांग नदी से यांगश्वो काऊंटी जाते हैं । यांगश्वो शहर की खुबसूरती क्वीलिन से भी अधिक मनमोह करती है। क्वीलिन के उत्तर में खड़े मोर पहाड़ से निकलने वाली लिचांग नदी चार सौ किलोमीटर लम्बी है , क्वीलिन से यांगश्वो तक उस की लम्बाई 83 किलोमीटर । नदी के दोनों ओर प्राकृतिक दृश्य बहुत विलक्षण हैं । यहां विश्व का सब से बड़ा और सुन्दर चूने पत्थरों से उत्पन्न कुदरती सौंदर्य क्षेत्र है। लिचांग नदी के दोनों किनारों पर विचित्र पहाड़ , चट्टानें , हरिभरी बांस जंगल , घनी वन , मनोहक खेत , गांव और मछुवा बस्ती देखने को मिलते हैं। जर्मनी से आए पर्यटक श्री हेर्मावा हीर्थ ने लिचांग नदी में नौकायान से अत्यन्त आनंदित हो कर कहाः

लिचांग नदी पर आने से पहले हम ने बहुत से फोटो देखे , लेकिन आंखों के सामने के दृश्य फोटो से कहीं अधिक सुन्दर है। मुझे लगा कि यह एक विशाल अनोखा चित्र हो । यहां की सुन्दरता देख कर जिह्वा के तले ऊंगली दब जाती है ।

लिचांग नदी के किनारे सब से मशहूर पहाड़ ह्वाशान पर्वत है। सब से सुन्दर दृश्य नदी के पीत वस्त्र नामक पुलिन की जल में परछाई है । ह्वाशान पहाड़ चार सौ मीटर ऊंचा है, उस की खड़ी चट्टानों पर विभिन्न प्राकृतिक खनिज रंगों में घोड़ा , मछली आदि जीवों के विचित्र चित्र बने दिखते हैं, पीत वस्त्र पुलिन की परछाई में पर्वत चोटी पर नाव तैरने का दृश्य प्रदान किया जाता है।

यांगश्वो काऊंटी में बहती लिचांग नदी के दो किलोमीटर लम्बे भाग पर लिचांग नदी के सौंदर्य पर नृत्य गान प्रोग्राम दिखाया जाता है। लाइट व्यवस्था से लिचांग नदी के सुन्दर दृश्य दिखाई देते है और 600 कलाकारों ने 70 मिनट के प्रोग्राम में वहां के रीति रिवाज , जीवन की प्रथाएं और आम जन जीवन की झलकें दिखायीं ।

जर्मनी से आये थोमस लोबिस दंपति इस प्रकार की कला प्रस्तुति की प्रशंसा करते नहीं थकते । वे पहली बार चीन आए है , चीन में एक हफ्ते ठहरने की योजना थी , पर अब उन्हों ने अपना इरादा बदल दिया और ज्यादा दिन रूकने का निश्चय किया ।

यहां का सौंदर्य तो क्या कहना , यह चीन में हमारी अंतिम यात्रा जरूर नहीं होगी ।

यांगश्वो एक प्राचीन शहर है , शहर में 1400 साल पुराना इतिहास वाली एक 500 मीटर लम्बी सड़क है , सड़क के दोनों ओर काले पत्थरों व काली खपरेलों से निर्मित मकान बहुत आकर्षक हैं ।

इस प्राचीन सड़क पर बहुत से विदेशी पर्यटक घूमते दिखाई पड़ते हैं , बहुत से लोग प्राचीन कला वस्तु दुकानों में खरीददारी करते हैं। च्युफुलो नाम के एक रेस्ट्रां में दुकानदार कुछ विदेशी पर्यटकों को चीनी व्यंजन बनाना सिखा रहे हैं । उन्हों ने कहा कि चीनी फुड प्रशिक्षण विदेशी लोगों को बहुत पसंद आता है। हर रोज कोई दस विदेशी पर्यटक उन से सीखने आते हैं।

मैं ने इस सड़क पर एक बियर बार खोला है , मेरे बहुत से विदेशी दोस्त हैं , जो हमारे रसोये में चीनी तरकारी सीखने आते हैं। इसलिए मैं ने बाद में यह रेस्ट्रां भी खोला है ।

इस प्राचीन सड़क पर चीनी रेस्ट्रां के अलावा यूरोपीन रेस्ट्रां, कैफे , बियर बार भी खुले हैं ,जो अन्तरराष्ट्रीयता की अनुभूति प्रदान देते हैं। ओस्ट्रेलिया के निवासी श्री एल्फ योंग ने यहां एक बुफालो बार खोला।

पांच साल पहले श्री एल्फ योंग यहां के दौरे पर आए , यहां के शांति और खूबसूरती के माहौल से प्रभावित हो कर उन्हों ने यहां बसने का निश्चय किया और बुफालो बार खोला । उन्हों ने एक स्थानीय महिला से शादी भी की और दोनों के पुत्र भी हुआ। वे यहां अपनी पूरी जिन्दगी गुजारना चाहते हैं।

मुझे यहां आए पांच साल हो गया है , मुझे यह शहर बहुत पसंद है। यांगश्वो की खूबसूरती बेमिसाल है । यहां के लोग बहुत मिलनसार और ईमानदार हैं । मैं ने यहां हमेशा के लिए रहने का निश्चय किया है।

इस रिपोर्ट में यह प्रश्न पूछा गया है कि लिचांग नदी की लम्बाई कितनी है ?आप के उत्तर का हार्दिक स्वागत ।