फिलहाल चीन में सछ्वान भूकंप से निपटने के राहत कार्य में देशव्यापी सहायता के साथ साथ अन्तरराष्ट्रीय सहायता का भी हार्दिक स्वागत किया जा रहा है । इस के दौरान चीन ने विदेशी बचाव दलों , चिकित्सा दलों और विदेशी पत्रकारों को शीघ्र ही भूकंप ग्रस्त क्षेत्रों में जाने की अनुमति दी , चीन के इस रवैये से चीन के प्रति दुराग्रह रखने वाले कुछ विदेशी लोग और मीडिया भी द्रवित हो गए । असल में भूकंप विपत्ति विरोधी काम में चीन ने जो उच्च स्तर का खुला रूख अपनाया है , उस से चीन का आत्मविश्वास प्रकट हो गया है ।
विदेशी मीडिया ने आदततः विन्छ्वान भूकंप में चीन सरकार के रूख की तुलना 1976 के थांगशान भूकंप के समय चीन सरकार के रवैये से की है । 1976 में उत्तर चीन के थांगशान शहर में आए विध्वंसक भूकंप आने के बाद चीन ने आत्मनिर्भरता पर बल देते हुए अकेले कठिनाइयों को झेलते हुए अन्तरराष्ट्रीय सहायता से इन्कार कर दिया था । लेकिन वर्तमान सछ्वान के भूकंप के दौरान चीन सरकार ने विदेशों के प्रति पूरी तरह खुलने की नीति अपनायी ।
सछ्वान प्रांत के विन्छ्वान में भूकंप आने के बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने तुरंत कहा कि चीन अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का भूकंप ग्रस्त क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की राहत सहायता के लिए स्वागत करता है । चीनी रेड क्रास सोसाइटी ने भी रेड क्रास और रेड क्रेसेट अन्तरराष्ट्रीय सोसाइटी के माध्यम से अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से आपात सहायता देने की अपील की । चीन ने जापान , रूस , कोरिया गणराज्य और सिन्गापुर के पेशेवर बचाव दलों को भूकंप ग्रस्त क्षेत्रों में आने की अनुमति दी , जो 1949 में नए चीन की स्थापना के बाद पहली बार किसी प्राकृतिक विपत्ति के समय विदेशी बचाव दल स्वीकार कर लिया गया है । इस के अलावा चीन ने रूस व इटाली आदि देशों और चीन के थाईवान क्षेत्र के चिकित्सा दलों को भी भूकंप ग्रस्त क्षेत्रों में आने की अनुमति दी और विदेशी पत्रकारों को तो किसी भी परिसीमन के बिना भूकंप ग्रस्त क्षेत्रों में रिपोर्ट लेने की इजाजत दी गयी । बहुत से पत्रकारों ने खतरे की परवाह न कर भूकंप स्थल में जा कर भूकंप की स्थिति और चीन के राहत बचाव कार्य को पूरे विश्व को प्रसारित किया ।
भूकंप विपत्ति के दौरान विश्व के प्रति खुला रखने की चीन की नीति का व्यापक समर्थन किया गया और इस की प्रशंसा की गयी है । अमरीकी अखबार लॉस एजेंल्स टाइम्स ने कहा कि चीन ने भूकंप विपत्ति के बचाव व राहत कार्य में आधुनिक , लचीला और खुला रवैया दिखाया है । सिन्गापुर के अखबार ल्यानह चाओपो ने कहा कि चीन ने उदारता के साथ अन्तरराष्ट्रीय सहायता को स्वीकार किया है , जिस से पूरे विश्व के प्रति खुलने तथा अन्तरराष्ट्रीय समुदाय में समावेश होने के लिए चीन का आत्मविश्वास जाहिर हो गया है ।
तथ्य अकाट्य होता है । 16 मई को फ्रांसीसी न्यूज ऐजेंसी की एक महिला पत्रकार ने जेनेवा में स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय द्वारा आयोजित न्यूज ब्रिफींग में यह कहने की कोशिश की कि चीन ने विदेशी सहायता से इन्कार किया और विदेशी पत्रकारों को भूकंप क्षेत्र में जाने की इजाजत नहीं की । उस के इस कथन का तुरंत खंडन किया गया और न्यूज ब्रिफींग में उपस्थित लोगों में रोष भड़क उठा । संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामला समन्यव कार्यालय की प्रेस प्रवक्ता सुश्री एलिजबेथ बाईरस ने साफ साफ बताया कि मैं पक्के विश्वास के साथ कह सकती हूं कि ऐसी कोई बात नहीं है । भूकंप के पहले दिन से ही चीन के संबंधित विभाग संयुक्त राष्ट्र संघ के साथ घनिष्ट संपर्क कायम करते आए हैं । संयुक्त राष्ट्र जेनेवा कार्यालय के प्रेस विभाग के प्रधान सुश्री मारिए हेएज ने उस फ्रांसीसी पत्रकार से कहा कि मैं आप को चीन पर इस प्रकार का झूठा आरोप लगाने की कतई इजाजत नहीं देती हूं । सच यह है कि इस समय बहुत से विदेशी पत्रकार चीन के भूकंप क्षेत्र में रिपोर्टताज कर रहे हैं ।
भूकंप विपत्ति से निपटने के दौरान चीन सर्वप्रथम लोगों के जीवन का सम्मान करता है और ज्यादा से ज्यादा लोगों की जिन्दगी बचाने तथा घायलों को समय पर इलाज दिलाने और पीड़ित लोगों को मदद देने के लिए चीन ने सभी बचाव व राहत शक्तियों के प्रति पूरा द्वार खोल दिया है ।
भूकंप के समय चीन सरकार की मौजूदा खुली नीति उस की सत्ता अवधारणा और प्रशासन के तरीके के परिवर्तन पर आधारित है । पिछले 30 सालों में चीन का कायापलट हो गया , जो न केवल आर्थिक पहलु में हुआ , बल्कि चीन सरकार व जनता की अवधारणा में भी प्रगति आयी है।
भूकंप के दौरान चीन ने आत्मविश्वास और परिपक्कवता दिखायी है। तेज आर्थिक विकास के चलते विपत्तियों का सामना करने के लिए चीन की शक्ति प्रबल हो गयी , चीन उदारता और आत्म विश्वास के साथ विश्व के साथ व्यवहार कर सकता है और ईमानदारी से अन्तरराष्ट्रीय सहायता स्वीकार कर सकता है । अमरीकी ब्रूकिंगस इंस्टिट्युट के अनुसंधान कर्ता डाक्टर ली छङ ने कहा कि मुझे गहरा अनुभव हुआ है कि चीनी नेता परिपक्कव हो गए और आत्मविश्वास युक्त हुए हैं ।