वर्ष 1912 में स्वीडन के स्टोकहोम ऑलंपियाड में पहली औपचारिक ऑलंपिक सरकारी फिल्म बनी। इस के बाद हर बार के ऑलंपिक खेल समारोह के दौरान सरकारी फिल्म बनाने को एक महत्वपूर्ण काम माना जाता है। ऑलंपिक सरकारी फिल्म का मिशन है ऑलंपिक खेल समारोह की चतुर्मुखी व सच्ची रिकोर्डिंग करना और उत्साहजनक खेलों व खिलाड़ियों की प्रभावशाली कहानियां सुनाना। अब ये सभी ऑलंपिक सरकारी फिल्में स्वीट्जरलैंड के लोसान में ऑलंपिक म्यूजियम में हमेशा के लिए सुरक्षित हैं, जिनसे लोगों को प्रेरित किया जाता है। ऑलंपिक सरकारी फिल्म की विशेषता की चर्चा करते हुए पेइचिंग ऑलंपिक सरकारी फिल्म के निर्माता श्री वू छी ने कहाः
"ऑलंपिक सरकारी फिल्म में ऑलंपिक आयोजन कमेटी द्वारा निर्धारित संस्था व निर्देशक के निर्देशन में ऑलंपिक खेलों व संबंधित गतिविधियों की चतुर्मुखी व सच्ची रिकोर्डिंग की जाती है। ऑलंपिक खेल समारोह के दौरान सिर्फ एक फिल्म बनाई जाना संभव नहीं है, लेकिन ऑलंपिक सरकारी फिल्म ऑलंपिक आयोजन कमेटी द्वारा निर्धारित और स्वीकृत है। ऑलंपिक म्यूजियम में सुरक्षित फिल्में ऑलंपिक सरकारी फिल्में ही हैं। ऑलंपिक आयोजन कमेटी के नियमों के अनुसार ऑलंपिक सरकारी फिल्म में उद्धाटन समारोह, ऑलंपिक मशाल रिले और शांति के प्रतीक धवल श्वेत पक्षियों की उड़ान आदि शामिल करने की आवश्यकता है। इस के अलावा ऑलंपिक खेल समारोह के आयोजन में देश की विशेषता दिखाई जा सकती है।"
वर्ष 2007 के अगस्त में पेइचिंग में शुरू हुई ऑलंपिक सरकारी फिल्म ऑलंपियाड इतिहास में 22वीं सरकारी फिल्म है और पहली बार चीनी निर्देशक द्वारा बनाई जाने वाली सरकारी फिल्म है। इस फिल्म में पेइचिंग ऑलंपिक की चतुर्मुखी व सच्ची रिकोर्डिंग की जाएगी और प्रभावशाली कहानियां भी सुनाई जाएंगी। वर्तमान ऑलंपिक सरकारी फिल्म की निर्देशक एक महिला हैं, जिनका नाम है कू च्वून। निर्देशन में उन का दस साल का अनुभव है। इससे पहले उन्होंने पेइचिंग ऑलंपिक तैयारी फिल्म बनाई थी, जिसका काम 7 सालों तक चला। इस के दौरान उन्होंने बहुत से अनुभव प्राप्त किए हैं। हालांकि ऑलंपिक सरकारी फिल्म आम फिल्म से भिन्न होती है और बनाने की समय सीमा भी है, लेकिन सुश्री कू च्वून ने कहा कि वे अपनी विशेषता वाली ऑलंपिक सरकारी फिल्म बनाने के लिए भरसक कोशिश करेंगी। इस की चर्चा करते हुए सुश्री कू च्वून ने कहाः
"हम चाहते हैं कि वर्ष 2008 की ऑलंपिक सरकारी फिल्म में विभिन्न देशों, विभिन्न क्षेत्रों, विभिन्न रंगों और विभिन्न जातियों के खिलाड़ियों का चुनाव किया जाए, जिन्हें छः खेपों में विभाजित किया जाएगा। इन छः खेपों के खिलाड़ी विश्व की विभिन्न सभ्यताओं का प्रतिनिधि करेंगे। सर्वप्रथम वे पेइचिंग ऑलंपिक में ज़रूर भाग लेंगे। और दूसरे विजयताओं की कहानी के अलावा, भरसक कोशिशों के जरिए खिलाड़ियों के अपने सपने साकार करने की उन की कहानियां भी हैं।"
पिछली सभी 21 ऑलंपिक सरकारी फिल्मों में बहुत सी फिल्में शास्त्रीय हैं। उन में विशेष कला दृष्टि से फिल्म के माध्यम से ऑलंपिक खेल समारोह के दौरान प्रभावशाली दृश्यों की रिकोर्डिंग की गई है और दुनिया में ऑलंपिक भावना का प्रचार किया गया है। वर्ष 1984 ऑलंपिक सरकारी फिल्म बनाने के इतिहास में एक विभाजन रेखा है। टी. वी. प्रसारण शुरू होने से ऑलंपिक सरकारी फिल्म बनाने के लिए नई मांग प्रस्तुत की गई। क्योंकि ऑलंपिक खेल समारोह के दौरान टी. वी. प्रसारण के जरिए दर्शक सभी खेल पूरी तरह उसी समय देख सकते हैं, जबकि ऑलंपिक सरकारी फिल्म ऑलंपिक के बाद दर्शकों के सामने पेश की जाती है। इसलिए ऑलंपिक सरकारी फिल्म में खेलों के बजाए जीवंत कहानियां और प्रभावशाली फिल्मी भाषा से दर्शकों को प्रभावित करने की ज़रूरत है, जिसकी विशेषता है सजीवता, संस्कृति और प्रभाव। ऑलंपिक सरकारी फिल्म की कुल लम्बाई सिर्फ 2 घंटे है। इन 2 घंटों में सबसे अच्छे प्रभावकारी दृश्यों को दिखाया जाना चाहिए।
इस लेख का दूसरा भाग अगली बार प्रस्तुत होगा, कृप्या इसे पढ़े। (ललिता)