2008-05-26 13:04:41

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में विशेषता वाले कृषि व पशुपालन उद्योग के विकास से किसानों व चरवाहों की आय बढ़ी

छिंगहाई तिब्बत पठार पर स्थित तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की औसतन ऊंचाई समुद्री सतह से चार हज़ार मीटर से ज्यादा है, जहां अनगिनत बर्फीले पहाड़ हैं, कम ऑक्सीजन और कम तापमान के कारण तिब्बत की प्राकृतिक स्थिति ही नहीं, उत्पादन स्थिति भी बहुत गंभीर है । इधर के वर्षों में चीन की केंद्र सरकार के समर्थन से तिब्बत अपनी विशेषता वाले कृषि व पशुपालन उद्योग का विकास कर रहा है, जिस से किसानों व चरवाहों की आय बढ़ी है और उन के जीवन में सुधार हुआ है।

45 वर्षीय त्सेवांग तिब्बत के दक्षिण पूर्वी भाग स्थित कोंगबू च्यांगदा कांउटी के लांगसे गांव के निवासी हैं । कुछ साल पहले स्थानीय सरकार की सहायता के जरिए त्सेवांग स्थानीय मशरूम प्रोसेसिंग कारखाने की स्थापना की । उन्होंने कहा कि तिब्बती मशरूम की प्रोसेसिंग के बाद, घर की आय बड़ी हद तक बढ़ गई है, चार सदस्यों वाला परिवार अब 400 वर्गमीटर से ज्यादा रिहायशी मकान में रहता है । घर में विभिन्न प्रकार के विद्युत उपकरण हैं और जीवन में भारी सुधार आया है। तिब्बती बंधु त्सेवांग का कहना है:

"पहले हम बहुत गरीब थे । न सिर्फ़ हम, हमारे गांव के सब परिवार बहुत गरीब थे । देश में पश्चिमी भाग के जोरदार विकास वाली नीति लागू की जाने के बाद हमारे यहां मार्ग खोला गया और यातायात सुविधापूर्ण हो गया । इस तरह मैं ने एक कारखाने की स्थापना की, गांव वासियों द्वारा उत्पादित स्थानीय मशरूम खरीदकर प्रोसेसिंग कर बेचने लगा । अब हमारे घर की आय अच्छी हो गई है।"

त्सेवांग की तरह तिब्बत में स्थानीय संसाधन का प्रयोग कर समृद्ध होने वाले किसान व चरवाहों की संख्या ज्यादा है। त्सेवांग के रहने वाले लांगसे गांव में स्थानीय मशरूम आदि विशेषता वाले संसाधन को इक्ट्ठा करने वाले किसानों व चरवाहों की सालाना आय बड़ी हद तक उन्नत हुई है । गत वर्ष के मई माह से लांगसे गांव में बिजली, पेयजल, मार्ग, रेडियो और टी.वी. आदि सेवाएं उपलब्ध हो गईं हैं। गांववासियों का उत्पादन व जीवन स्थिति बड़ी हद तक सुधर गई है।

इधर के वर्षों में तिब्बत कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग, सब्ज़ियों को उगाने तथा तिब्बती सुरागाय उत्पादों की प्रोसेसिंग पर जोर दिया गया है, संबंधित कारोबारों के विकास से किसान व चरवाहे समृद्ध रास्ते पर चलने लगे हैं। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के कृषि व पशुपालन विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2004 से 2006 तक तिब्बत ने विभिन्न स्थलों में एक सौ से ज्यादा विशेषता वाली कृषि व पशुपालन व्यवसाय की परियोजनाओं का विकास किया । वर्तमान में सारे प्रदेश के चार लाख 30 हज़ार किसानों व चरवाहों ने विशेषता वाले कृषि व पशुपालन व्यवसाय में भाग लिया है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शीर्ष नेता श्री चांग छिंगली ने कहा कि विशेषता वाले कृषि व पशुपालन उद्योग तिब्बती किसान व चरवाहों की आय की उन्नति का नए रास्ते बन गए हैं। उन्होंने कहा:

"किसानों व चरवाहों की आय को बढ़ाने के क्षेत्र में हम ने दो तरीके अपनाए, यानि कि ढांचे में बदलाव और किसानों व चरवाहों की गुणवत्ता में उन्नति । हर वर्ष हम किसानों व चरवाहों के प्रशिक्षण के लिए तीन हज़ार य्वान का अनुदान देते हैं ।"

आंकड़ों के अनुसार, व गत वर्ष तिब्बती किसानों व चरवाहों की औसतन आय 2800 य्वान थी। करीब तीन लाख तिब्बती किसान व चरवाहे स्वच्छ पेयजल पीने लगे हैं , सुरक्षित रिहायशी मकानों में रहने लगे हैं और आधे से ज्यादा किसान व चरवाहे बिजली का प्रयोग करते हैं।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में किसानों व चरवाहों की जीवन स्थिति में हुए परिवर्तन के श्रेय को चीन की केंद्र सरकार के समर्थन से अलग नहीं किया जा सकता । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के अध्यक्ष श्री श्यांगबा फिंगत्सो ने कहा कि इधर के वर्षों में केंद्र सरकार ने तिब्बत के विकास के लिए सिलसिलेवार उदार नीतियां बनायीं और साथ ही बड़ी तादाद में पूंजी लगाई है। तिब्बती वित्त के हर दस य्वान की राशि में से नौ य्वान केंद्र सरकार का अनुदान है । उन्होंने कहा कि सरकार के समर्थन से तिब्बती किसानों व चरवाहों को व्यापक रुप से लाभ मिला है। श्री श्यांगबा फिंगत्सो ने कहा:

"केंद्र सरकार द्वारा लगाई गई पूंजी का प्रयोग मार्गों के निर्माण, बिजली व पेयजल की सप्लाई, रिहायशी मकान परियोजना, शिक्षा तथा स्वास्थ्य आदि क्षेत्र में किया जाता है । स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमारे यहां मुफ्त इलाज लागू किया जा रहा है, तिब्बती विद्यार्थियों को खाने, रहने और पढ़ने की फ़ीस नहीं देनी पड़ती है । इधर के दसियों वर्षों में तिब्बत में कोई भी कर नहीं वसूल किया गया है । नागरिकों का बौझ शून्य के बराबर है । केंद्र सरकार द्वारा लगाई गई पूंजी से तिब्बती जनता का जीवन स्तर बड़ा सुधरा है ।"

सूत्रों के अनुसार वर्ष 2006 से 2010 तक चीन तिब्बत में हवाई अड्डे के निर्माण, गांवों में पेयजल सुरक्षा परियोजना तथा बिजलीरहित क्षेत्रों में बिजली निर्माण आदि परियोजनाओं के कार्यांवयन के लिए और एक करोड़ य्वान की पूंजी लगाई जाएगी । तिब्बती किसानों व चरवाहों का उत्पादन व जीवन स्थिति और सुधरेगी ।(श्याओ थांग)