सुश्री च्यांग मिन फडं च्यो शहर के थ्येन फड़ मीडिल स्कूल में सुरक्षा को सुनिश्चित करने का काम कर रही हैं। यहां 1400 से ज्यादा बेघर लोग रह रहे हैं। 18 तारीख के तड़के, यहां कुछ भूकंप ग्रस्त लोग आये, तो सुश्री च्यांग मिन ने तुरंत उन के लिए तंबू लगाने की कोशिश की। तंबू लगाने के बाद सुश्री च्यांग मिन ने सो रहे बच्चे को गले लगाया और मां की तरह उसे देखती रहीं। उसे देखकर मुझे अपनी बेटी की याद आयी। एक मां होने के नाते, मैं उसे बड़ा याद करती हूं।
सुश्री च्यांग मिन भूकंप ग्रस्त क्षेत्रों में निरंतर पांच दिनों से लगातार काम कर रही हैं। स्छ्वान प्रांत में भूकंप आने के वक्त वह दफ्तर में काम कर रही थीं। भूकंप आने के बाद वे तुरंत भूकंप राहत कार्य में लग गईं जबकि उन के सब परिवारजन लापता थे।उन्हें फोन किया तो संपर्क नहीं कर पाईं। लेकिन, मेरे दिल में आशा थी। मुझे उम्मीद थी कि वे सब लोग जीवित होंगे। भूकंप के दूसरे दिन, सुश्री च्यांग मिन को खबर मिली कि उन के सब परिवारजन मर गये हैं, फिर भी वे राहत कार्य में लगी रहीं। अंत में वे बेहोश हो कर गिर पड़ीं। सुश्री च्यांग मिन के सहकर्मी ने कहा,आज से उन्होंने खाना शुरू किया है। पहले दो दिन परिवारजनों की मृत्यु के कारण वे एक दाना भी मुंह में नहीं डाल सकीं, फिर भी वे अपना काम करती रही हैं।
सुश्री च्यांग मिन ने अपने परिवारजनों के प्रति अपने गहरे प्रेम और उन की गहरी याद को विपत्ति ग्रस्त लोगों के लिए स्थानांतरित
इस वक्त मुझे लगता है कि हम सब लोग एक ही परिवार के लोग हैं। यदि मेरे परिवारजन जीवित होते, तो इस वक्त ज़रूर दूसरे लोगों की निस्वार्थ मदद पा रहे होते।
स्छ्वान प्रांत के वन छ्वान भूकंप ग्रस्त क्षेत्रों में सुश्री च्यांग मिन जैसी महान महिला पुलिसकर्मी अनेक हैं। स्छ्वान प्रांत के च्यांग यो शहर में च्यांग श्याओ च्वेन नामक एक और महिला पुलिसकर्मी हैं।वे एक युवा मां हैं। उन्होंने छह महीने के अपने छोटे बेटे को अपने मां-बाप को सौंपा और खुद भूकंप ग्रस्त क्षेत्रों में मां का राहत कार्य कर रही हैं।
भूकंप आने के बाद च्यांग यो शहर में कुल मिलाकर 10 हजार से ज्यादा भूकंप ग्रस्त लोगों का व्यवहार किया गया। बड़ी संख्या में लोगों के आने से च्यांग यो शहर में खाद्य पदार्थ व पेय जल का अभाव हो गया। भूकंप ग्रस्त क्षेत्रों में अनेक शिशु भी हैं, लेकिन, कुछ की माएं मर गयीं हैं, कुछ की माएं घायल हुई हैं। ऐसे वक्त, सुश्री च्यांग श्याओ च्वेन ने उन के पास आकर मां की भूमिका और कर्त्तव्य निभाया है।
14 तारीख से अब तक, सुश्री च्यांग श्याओ च्वेन ने कुल मिलाकर आठ शिशुओं को खिलाया। उन्होंने कहा कि इन शिशुओं को देखकर उन्हें अपने बेटे की याद आती है।
आजकल मैं अपने बेटे को नहीं खिला सकती हूं, मुझे इस का खेद है। लेकिन, भूकंप ग्रस्त क्षेत्रों के शिशुओं की तुलना में मेरा बेटा सौभाग्यशाली है।
अब सुश्री च्यांग मिन और सुश्री च्यांग श्याओ च्वेन अन्य अनेक पुलिसकर्मियों के साथ राहत कार्य में लगी हुई हैं। (श्याओयांग)