वर्ष 1951 में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद से लेकर अब तक तिब्बत में आखिरकार क्या परिवर्तन आया?तिब्बती लोगों के जीवन में क्या सुधार हुआ?आप को आर्थिक, सांस्कृतिक, चिकित्सा व स्वास्थ्य, सामाजिक जीवन और शिक्षा आदि क्षेत्रों से जुड़े आंकड़ों से पिछली आधी शताब्दी से भी ज्यादा समय में तिब्बत में हुए भारी परिवर्तन का पता लगेगा।
वित्तीय क्षेत्र में:वर्ष 1988 में तिब्बत के स्थानीय वित्त शून्य वाले रिकॉर्ड को तोड़ा गया , करीब 20 सालों की लगातार वृद्धि के बाद वर्ष 2007 में तिब्बत का स्थानीय वित्त दो अरब 30 करोड़ य्वान तक पहुंच गया।
चिकित्सा व स्वास्थ्य क्षेत्र में:वर्ष 1959 में तिब्बती लोगों की औसतन आयु 36 वर्ष से कम थी, लेकिन आज 67 वर्ष तक पहुंच गई है । वर्तमान में तिब्बत में कुल 1300 चिकित्सा संस्थाएं हैं और 9100 चिकित्सा कर्मचारी हैं । तिब्बत के किसानों व चरवाहों ने मुफ्त इलाज पर आधारित कृषि व पशुपालन क्षेत्र की सहयोग चिकित्सा व्यवस्था में भाग लिया है।
जनसंख्या व सामाजिक प्रतिभूति क्षेत्र में:वर्ष 1951 के पूर्व दो सौ वर्षों से ज्यादा समय में तिब्बत की जन-संख्या दस लाख के आसपास थी। जनसंख्या का अधिकांश भाग, यानिकि आम नागरिक किसी भी सामाजिक प्रतिभूति का उपभोग नहीं कर पाते थे। नवीनतम जनसंख्या संरक्षण आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2007 में तिब्बत की कुल जनसंख्या 28 लाख 40 हज़ार थी, जिन में तिब्बती लोग कुल जनसंख्या का नब्बे प्रतिशत हैं । वर्तमान तिब्बत के शहरों व कस्बों में 3 लाख 30 हज़ार व्यक्तियों ने विभिन्न प्रकार के सामाजिक बीमा में भाग लिया है, जबकि कृषि व पशुपालन क्षेत्रों में 2 लाख 30 हज़ार गरीब नागरिक सरकार द्वारा प्रदत्त न्यूनतम जीवन गारंटी का उपभोग करते हैं ।
शिक्षा क्षेत्र में:पुराने तिब्बत में एक भी आधुनिक स्कूल नहीं था । स्कूली बच्चों की स्कूल में दाखिला दर 2 प्रतिशत से कम थी । 95 प्रतिशत युवा अनपढ़ थे । लेकिन वर्तमान में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की 73 कांउटियों में छह वर्षीय अनिवार्य शिक्षा को साकार किया गया है। 90 प्रतिशत जन संख्या नौ वर्षीय अनिवार्य शिक्षा पा रही है । हाई स्कूलों और उच्च स्तरीय शिक्षालयों में विद्यार्थियों की दाखिला दर अलग-अलग तौर पर 43 प्रतिशत और 17 प्रतिशत है ।
सामाजिक जीवन क्षेत्र में:वर्ष 1950 में तिब्बत की मुक्ति के पूर्व 90 प्रतिशत नागरिकों के पास अपना रिहायशी मकान नहीं था । लेकिन आज, कुछ चंद पशुपालन क्षेत्रों के अलावा, तिब्बत के सभी परिवारों के पास अपने स्थाई रिहायशी मकान हैं । वर्ष 2006 में तिब्बत में किसान व चरवाहों के लिए सुरक्षा रिहायशी मकान परियोजना शुरू की गई, जिस से 5 लाख 70 हज़ार किसानों व चरवाहों ने नए मकानों में प्रवेश किया। गत वर्ष तिब्बती किसानों व चरवाहों की औसतन आय 2800 य्वान थी, शहरी नागरिकों की औसतन आय 11 हज़ार य्वान को पार कर गई है।
आर्थिक व सामाजिक विकास के क्षेत्र में:पुराने तिब्बत में आधुनिक उद्योग नहीं थे और कृषि का विकास धीमा था । वर्ष 2007 में तिब्बत में 2 अरब 60 करोड़ य्वान का औद्योगिक मुनाफ़ा हुआ, जो इस के पूर्व वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत बढ़ा है । वर्ष 2007 में तिब्बत ने 40 लाख 20 हज़ार पर्यटकों का सत्कार किया, पर्यटन आय 4 अरब 80 करोड़ य्वान थी ।
यातायात क्षेत्र में:पुराने तिब्बत में एक भी राज मार्ग नहीं था । गत वर्ष में तिब्बत में मार्ग की कुल लम्बाई 49 हज़ार किलोमीटर थी । वर्ष 2006 की पहली जुलाई को विश्व ध्यानार्षक छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग पर यातायात औपचारिक तौर पर शुरू हुआ, जिस से तिब्बत के इतिहास में रेलवे नहीं होने का इतिहास समाप्त हुआ ।
लोकतांत्रिक अधिकार क्षेत्र में:वर्ष 1961 में तिब्बत के विभिन्न क्षेत्रों में आम चुनाव शुरू हुआ, जो इस के इतिहास में नहीं था । इस तरह तिब्बती भू-दासों और गुलामों ने प्रथम बार देश के मालिक बनने का अधिकार प्राप्त किया । वर्ष 1965 में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना के बाद तिब्बती लोगों ने संविधान व कानून द्वारा दिए गए चुनाव का अधिकार प्राप्त किया । वर्ष 2006 के अंत में सारे प्रदेश में तिब्बती जातीय और अन्य अल्पसंख्यक जातीय कर्मचारियों की संख्या 60 हज़ार से ज्यादा थी , जो सारे प्रदेश के कर्मचारियों का 70 प्रतिशत बनता है ।
सांस्कृतिक क्षेत्र में:चीन ने तिब्बत के सांस्कृतिक अवशेषों के संरक्षण के लिए 70 करोड़ य्वान का अनुदान दिया और 1400 से अधिक धार्मिक स्थलों की मरम्मत की । वर्ष 2008 में चीन तिब्बत के 22 सांस्कृतिक अवशेष प्राचीन निर्माणों की मरम्मत के लिए और 57 करोड़ य्वान की राशि लगाएगा । वर्तमान में सारे प्रदेश में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कर्मचारियों की संख्या 4 हज़ार से ज्यादा है, जिन में 90 प्रतिशत तिब्बती जाति के हैं । (श्याओ थांग)
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