2008-05-17 18:27:46

सछ्वान प्रांत के भूकम्प ग्रस्त क्षेत्रों में प्राणों का बचाव प्राथमिकता पर

सछ्वान प्रांत के वनछ्वान में आये विशेष तगड़े भूकम्प को सौ घंटे से पार कर गया है , हालांकि 72 घंटे के सुनहरे बचाव समय बित गया है , पर फिर भी राहत कर्मचारी हरेक प्राण को बचाने पर आशा बांधं हुए हैं । चीनी नेता हू चिन थाओ और वन चा पाओ ने कहा कि प्राणों को बचाना जारी रखने की हरसंभव कोशिश की जानी चाहिये । वर्तमान में राहत कर्मचारी प्राणों के बचाव को प्राथमिकता देने वाला अभियान में लगे हुए हैं ।

संबंधित विभागों के आंकड़ों के अनुसार 16 मई को 14 बजे तक सछ्वान प्रांत के वनछ्वान में मृतकों की संख्या 22 हजार 69 हो गयी है ।

अब चीनी जन मुक्ति सेना व सशस्त्र पुलिस टुकड़ियों ने राहत बचाव में कुल एक लाख दस हजार सैनिकों को भेज दिया है और 99 फौजी हेलिकोप्टर भी भेज दिये हैं । जापान , रुस , कोरिया गणराज्य और सिंगापुर से आये अंतर्राष्ट्रीय राहत दल और हांगकांग व थाईवान के राहत दल क्रमशः भूकम्प ग्रस्त क्षेत्र पहुंच गये हैं ।

16 से 17 मई की सुबह तक राहत अफसरों व सैनिकों ने मलबों में 160 से अधिक ग्रस्तों को बचा लिया है , जिन में एक जर्मन पर्यटक , जो मलबों में 114 घंटे तक दबा हुआ है और अन्य एक 69 वर्षीय गांववासी , जो मलबों में 119 घंटे तक दबा हुआ है भी शामिल हैं ।

16 मई को 20 बजे तक सछ्वान प्रांत के विभिन्न प्रकार वाले अस्पतालों में एक लाख दस हजार से अधिक घायलों को दाखिला किया गया है , जिन में 16 हजार से अधिक घायलों की स्थिति गम्भीर है ।

चीनी नागरिक मामलात मंत्रालय के अन्य आंकड़ों के अनुसार 16 मई को 16 बजे तक विभिन्न देशी विदेशी जगतों ने सछ्वान प्रांत के भूकम्प ग्रस्त क्षेत्रों को 3 अरब 17 करोड़ से अधिक य्वान का चंदा दिया है , जिन में 19 देशों व चार अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के 58 करोड़ य्वान का चंदा भी शामिल है।

रूस , पाकिस्तान , स्पेन , सिंगापुर , फिलीपीन और फ्रांस आदि देशों की प्रदत्त राहत सामग्री क्रमशः सछ्वान प्रांत पहुंच रही है और शीघ्र ही भूकम्प ग्रस्त क्षेत्रों में पहुंचाई जायेगी ।

चीन के सछ्वान प्रांत के च्युचाइको पर्यटन ब्यूरो के जिम्मेदार व्यक्ति ने 17 मई को जताया कि 12 मई को वनछवान में भूकम्प आने से रुके दस हजारों पर्यटक सुरक्षित रूप से च्युचाइको से निकल गये हैं , च्युचाइको पर्यटन क्षेत्र में स्थापित संस्थापनों को क्षति भी नहीं पहुंची ।