2008-05-11 16:22:17

चीन जापान की मैत्री सदा बहारदार रहेगी

जापान सरकार के निमंत्रण पर चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ ने 6 से 10 मई तक जापान की राजकीय यात्रा की । यात्रा समाप्त कर स्वदेश लौटने के विमान पर हू चिन थाओ के साथ यात्रा पर गये चीनी विदेश मंत्री यांग च्ये छी ने संवाददाताओं के साथ बातचीत की । 

राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ की मौजूदा यात्रा पिछले दस सालों में किसी चीनी राज्याध्यक्ष की प्रथम जापान यात्रा ही है । केवल पांच दिन की यात्रा के दौरान श्री हू चिन थाओ ने कुल 55 गतिविधियों में भाग लिया , जापानी प्रधान मंत्री फुकुदा यासुओ के साथ फलदायक वार्ता की और जापानी राजा , सीनेट व प्रतिनिधि सदन के अध्यक्षों , सत्तारूढ़ व विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं तथा चीन जापान मैत्रीपूर्ण संबंध के लिये अहम योगदान करने वाले पुराने मित्रों से भेंट की , साथ ही दोनों देशों के आर्थिक जगतों के नेताओं और मैत्रीपूर्ण संगठनों के मुख्य पदाधिकारियों व जनसमुदाय के साथ व्यापक सम्पर्क किया ।

श्री यांग च्ये छी ने कहा कि राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ की मौजूदा यात्रा के विषय विविधतापूर्ण हैं , यात्रा फलदायक है और प्रत्याशित मकसद प्राप्त कर चुकी है.

सर्वप्रथम , इस यात्रा ने चीन जापान संबंधों के विकास का रूपरेखा तैयार किया है और आगे बढ़ने की दिशा स्पष्ट कर ली है । यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने रणनीतिक व आपसी उदार संबंधों को सर्वांगीर्ण रूप से बढ़ावा देने के बारे चीनी जापान संयुक्त वक्तव्य जारी किया । इस दस्तावेज ने संपन्न हुए तीन राजनीतिक दस्तावेजों के सिद्धांतों के आधार पर चीन जापान संबंधों के नये विकास के अनुसार दोनों देशों के संबंध के दीर्घकालिक विकास का निर्देशक सिद्धांत सुनिश्चित किया है और चीन व जापान के बीच हुए चौथे दस्तावेज का रूप कर लिया है । इस का चीन जापान संबंध के राजनीतिक आधार और दोनों देशों के रणीनीतिक आपसी विश्वास को बढावा देने और चीन जापान रणनीतिक आपसी उदार संबंध को गहराने का भारी वास्तविक और ऐतिहासिक महत्व है । दोनों पक्षों ने संयुक्त वक्तव्य में इस बात की पुष्टि की है कि चीन व जापान एक दूसरे का साझेदार है , एक दूसरे के लिये कोई खतरनाक नहीं हैं , एक दूसरे के शांतिपूर्ण विकास का समर्थक हैं और वार्तालाप व वार्ता के जरिये दोनों देशों के बीच मौजूद सवालों के निपटारे पर कायम हैं और सुरक्षा व प्रतिरक्षा के क्षेत्रों में वार्तालाप करना जारी रखेंगे।

दूसरी तरफ आर्थिक व व्यापारिक क्षेत्रों में आपसी लाभ वाले सहयोग और चीन जापान संबंधों के विकास के भौतिक आधार को मजबूत बनाया गया है । राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ ने जोर देकर कहा कि चीन व जापान एक दूसरे के अहम महत्वपूर्ण आर्थिक व व्यापारिक साझेदारों में से एक हैं , दोनों पक्षों को आर्थिक क्षेत्र में एक दूसरे की पूरक श्रेष्ठता को पूर्ण रूप से प्रदर्शित कर चीन जापान आर्थिक व व्यापारिक क्वालिटी को उन्नत करना चाहिये । राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ ने यह विचार व्यक्त किया है कि दोनों देशों के लिये यह जरूरी है कि ऊर्जा किफायत व पर्यावरण के क्षेत्रों में सहयोग पर जोर दिया जाये , चीनी क्षेत्रीय विकासक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया जाये और दोनों देशों के उद्यमों के बीच सहयोग व क्षेत्रीय व भूमंडलीय आर्थिक मामलों में सहयोग को बढावा दिया जाये ।

इस के अलावा मानवीय आदान प्रदान के माध्यम से दोनों देशों की जनता की मैत्रीपूर्ण भावना और चीन जापान संबंधों के सामाजिक आधार को सुदृढ़ कर दिया गया है । राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ ने कहा कि चीन जापान मैत्री आखिरकार दोनों देशों की जनता की मैत्री ही है , दोनों देशों की जनता के बीच आपसी समझ व मैत्रीपूर्ण भावना को बढावा देने का सब से कारगर व विश्वसनीय तरीका दोनों देशों के बीच मानवीय आदान प्रदान का विस्तार करना ही है । राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ ने वासेदा विश्वविद्यालय में व्याख्या देते समय कहा कि चीन जापान मैत्री का भविष्य दोनों देशों के युवाओं पर निर्भर है , आशा है कि सब लोग चीन जापान मैत्रीपूर्ण बीज व्यापक रूप से बोने और चीन जापान मैत्रीपूर्ण पताका पीढी दर पीढ़ी फहराये जाने के लिये समान प्रयास करेंगे ।

अंत में इस यात्रा से क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मामलों में सहमति व सहयोग विस्तृत हो गया है । राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ ने कहा कि एशिया का उत्थान चीन व जापान दोनों देशों के समन्वय व सहयोग से अलग नहीं किया जा सकता । दोनों देश खुले , पारदर्शी व रियायती सिद्धांत के अनुसार पूर्वी एशियाई क्षेत्र के सहयोग बढावा देने और शांतिपूर्ण , समृद्धिशाली , स्थिर व खुले एशिया को समान रूप से बढ़ावा देने का निर्णय किया गया है ।

श्री यांग च्ये छी ने अंत में कहा कि राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ की मौजूदा यात्रा ने चीन जापान रणनीतिक व आपसी रियायती संबंधों की नयी स्थिति को खोल दिया है और संतोषजनक उपलब्धियां हासिल की हैं ।