2008-05-08 12:57:43

पेइचिंग आलम्पिक मशाल चुम्लांगमा चोटी पर पहुंचाने में सफल हुआ

2008 पेइचिंग आलम्पिक मशाल सफलतापूर्वक चुम्लांगमा चोटी पर पहुंचाया गया है , यह आलम्पिक इतिहास में मशाल पहली बार समुद्र की सतह से 8844.43 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचाया गया है ।
उसी दिन आयोजित पेइचिंग आलम्पिक मशाल चुम्लांगमा चोटी पर पहुंचाने की गतिविधि में चीनी पर्वतारोहण टीम के 12 पर्वतारोहियों ने सुबह से ही समुद्र की सतह से 8300 मीटर की ऊंचाई पर स्थापित छावनी के लिये रवाना हुए। पेइचिंग के स्थानीय समय के अनुसार करीब सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर पर्वतारोही इवोरबुचादू ने मशाल प्रज्ज्वलित कर लिया , फिर  महिला पर्वतारोही चीची , वांग युंग फुंग , निमात्सरिन और ह्वांग फू छुन इन  4 मशाल धारकों ने पेइचिंग के स्थानीय समय के अनुसार सुबह नौ बजकर 18 मिनट पर चुम्लांगमा चोटी पर आलम्पिक मशाल का रिले पूरा कर लिया । अतर्राष्ट्रीय आलम्पिक कमेटी का पांच छल्लों वाला झंडा , चीनी राष्ट्रीय ध्वज और पेइचिंग आलम्पियाड झंडा चुम्लांगमा चोटी पर फहराये जाने लगे ।
चुम्लांगमा चोटी पर आलम्पिक मशाल रिले पूरा होने पर चीनी उप राष्ट्राध्यक्ष शी चिन फिंग ने 8 मई को संदेश भेज कर चीनी पर्वतारोहियों को बधाई दी । संदेश में कहा गया है कि आलम्पिक मशाल को चुम्लांगमा चोटी पर पहुंचाये जाने से यह जाहिर है कि पेइचिग आलम्पिक मशाल रिले चुम्लांगमा चोटी पर संतोषजनक रूप सफल हो गया है। यह आलम्पिक इतिहास में एक करिश्मा है और चीनी जनता द्वारा आलम्पिक और सारी मानव जाति को भेंट किया गया किमती उपहार भी है ।
चुम्लांगमा चोटी पर पहुंचाये जाने के बाद मशाल की अग्नि ल्हासा शहर में सुरक्षित रखी जायेगी और आगामी जून में ल्हासा शहर में होने वाले मशाल रिले में दोनों अग्नियों का मिश्रण हो जायेगा ।