6 मई को तोक्यो में पहुंच कर जापान की राजकीय यात्रा कर रहे चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ ने इसी दिन बहुत से जापानी मित्रों से भेंट की। मिलन समारोह में चीनी राष्ट्राध्यक्ष व जापानी मित्रों के बीच हर्षोल्लास का वातावरण छाया रहा, उपस्थित मित्रों ने बड़ी खुशी भरे माहौल में चीन-जापान संबंध विकास के कल, आज व परसों के दिनों की चर्चा की।
जापान की सुहावनी वसंत राजकीय यात्रा कर रहे चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ ने 6 तारीख को तोक्यो में पहुंचते ही कुछ समय बाद चीन-जापान संबंध विकास करने वाले बुजुर्गों की नयी पीढ़ी व उनके परिजनों तथा चीन-जापान मैत्री कार्य में अपना अथक प्रयास कर रहे जापानी मित्रों से भेंट की। श्री हू चिन थाओ ने कहा कि चीन सरकार व चीनी जनता चीन-जापान मैत्री कार्य के विकास में जुटे जापानी मित्रों को कभी नहीं भूलेगी। श्री हू चिन थाओ ने कहा चीन-जापान संबंध के आज की परिस्थिति आप लोगों के बुजुर्गों के प्रयासों से अलग नहीं किया जा सकता हैं। चीन हमेशा यह बोलता है कि पानी पीने वाले को कुआं खोदने वाले को नहीं भूलना चाहिए। आप लोगों के बुजुर्गों ने चीन-जापान मैत्री कार्य में जो असाधारण योगदान किया है, चीनी जनता उसे हमेशा अपने दिल में समाए रखेगी।
श्री हू चिन थाओ ने गहरी भावना से चीन-जापान संबंध के विकास में असाधारण योगदान करने वाले जापान के पूर्वजों व पुराने राजनीतिज्ञों को याद किया, इन में चीन-जापान के राजनयिक संबंध के सामान्यकरण व दोनों देशों के संबंध का नया अध्याय खोलने वाले जापानी पूर्व प्रधान मंत्री तानाका काकुए , दोनों देशों के राजनयिक संबंध की स्थापना पर अपना महत्वपूर्ण योगदान करने व चीन को जापानी येन ऋण सहयोग प्रदान करने का निर्णय लेने वाले पूर्व प्रधान मंत्री ओहिरो मासायोशी तथा तीस साल पहले जापानी सरकार का प्रतिनिधित्व कर चीन सरकार के साथ चीन-जापान मैत्री संधि पर हस्ताक्षर करने वाले जापान के पूर्व विदेश मंत्री सोनोडा हिरोयूकी शामिल हैं।
तानाका काकुए की बेटी तानाका माकीको अब भी जापान के राजनीतिक मंच में क्रियाशील हैं। अपने पिता के कार्य का उत्तराधिकारी राजनीतिज्ञ होने के नाते उन्होने कहा एक राजनीतिज्ञ होने के नाते, हमारा परिवार चीन की स्थिति पर बहुत ध्यान देता आया है। समय के बढ़ते दोनों देशों के संबंध में काफी मुश्किलें भी आई थी, लेकिन चाहे कोई भी मुश्किल क्यों न आए, जब तक मैं एक राजनीतिज्ञ हूं, मैं अपनी बुद्धि व प्रतिभा को दोनों देशों के संबंध के निरंतर विकास में योगदान करने की इच्छुक हूं। यदि मेरे पिताजी आज दुनिया में होते तो वह जरूर पेइचिंग ओलम्पिक देखने पेइचिंग जाते।
चीन-जापान के राजनयिक संबंध के सामान्यकरण से पहले चीन में 12 साल काम कर चुके , चीन स्थित जापानी लोक राजदूत माने जाने वाले साएओनजी किनकाजू , 1954 में चीन की यात्रा समय स्वर्गीय माओ च्ये तुंग व ल्यू साओ छी व चओ अन लाई आदि चीन के बुजुर्ग नेताओं से भेंट करने व चीन और जापान के बीच व्यापार समझौता संपन्न के दौरान अपना भारी योगदान करने वाले श्री रत्सुनोमिया तोकोमा तथा 100 बार की चीन की यात्रा कर चुके , हमेशा से दोनों देशों के गैर सरकारी व्यापार व नागरिक उडडयान में सहयोग बनाए रखने वाले ओकाकी खाहेता आदि पुराने मित्रों के परिवारजनों व उनकी नयी पीढ़ी से मिलने पर अपनी खुशी प्रकट करते हुए श्री हू चिन थाओ ने कहा आज हमारे बीच बैठे विभिन्न मित्रों ने चीन-जापान मित्रता के लिए भारी योगदान किया है, मैं यहां उनका हार्दिक शुक्रिया अदा करता हूं।
1984 में तीन हजार युवाओं ने चीन की यात्रा की थी, जो चीन-जापान मैत्री आवाजाही का एक नया विकास रहा, उस समय चीन की केन्द्रीय सचिवालय के प्रथम महा सचिव होने वाले श्री हू चिन थाओ ने उस दिन का सिहांवलोकन करते हुए कहा 1984 में तीन हजार जापानी युवाओं ने चीन की यात्रा के दौरान हमारे साथ गहरी दोस्ती स्थापित की थी। आज इसे गुजरे 20 से अधिक साल हो चुके हैं, हमारे बीच की मित्रता समय के गुजरने पर भी न ही घटी है, न ही कमजोर हुई है , उल्टा और अधिक गहरी हुई है।
जापान की मशहूर गायिका सुश्री सेरी योको अपनी बेटी को लिए इस मिलन समारोह गतिविधि में भाग लेने आयी हैं, दोनों देशों की जनता की मित्रता की संगीत राजदूत होने के नाते, सुश्री सेरी योको ने कहा 1984 में मैने चीन की यात्रा की थी, उस समय मेरे साथ मेरी दो साल की बेटी भी थी, आज वह मेरी जिम्मेदारी संभाल रही है, वह संगीत के जरिए चीन के साथ आवाजाही बरकरार रखे हुई है।
बीते दिनों की याद व चीन जापान संबंध के विकास के आज व कल के उज्जवल भविष्य का वर्णन करते हुए श्री हू चिन थाओ ने कहा वर्तमान चीन और जापान का संबंध एक नए इतिहास के दौर में हैं, दोनों के आगे विकास के सुअवसर खड़े हुए हैं। मेरे इस बार की जापान यात्रा का लक्ष्य समान प्रयासों से चीन-जापान की रणनीतिक पारस्परिक लाभांश संबंध की नयी परिस्थिति का सर्वोतोमुखी रूप से विकास करने का एक नया अध्यास खोलना हैं।