2008-05-07 17:15:58

विदेशी विशेषज्ञों ने लेख लिखकर तिब्बत समस्या पर पश्चिमी देशों की हरकत की आलोचना की

तिब्बत समस्या पर कुछ पश्चिमी मीडिया की गलत कार्यवाहियों के मद्देनजर कुछ विदेशी विशेषज्ञों ने हाल में अलग-अलग तौर पर लेख लिखकर या साक्षात्कार में उन की आलोचना की और तिब्बती स्वाधीनता आंदोलन की असलियत का पर्दाफाश किया।

रूसी चीन पत्रिका के प्रमुख संपादक श्री विनोग्रोस्की ने सात तारीख को मीडिया के साथ साक्षात्कार में कहा कि खुद उन की तिब्बत में रूचि है। उन्होंने कहा कि गत वर्ष उन्होंने तिब्बत की यात्रा की थी। तिब्बत के धार्मिक स्थलों व मशहूर धरोहरों ने उन पर गहरी छाप छोड़ी है। उन्होंने कहा कि आधुनिक समाज में सांस्कृतिक संरक्षण व विकास आसान बात नहीं है, जबकि चीन सरकार सदिच्छा से तिब्बती संस्कृति का संरक्षण व विकास कर रही है।

इटली के प्रोफेसर श्री बौला ने हाल में लेख लिखकर बताया कि प्रादेशिक भूमि की अखंडता की रक्षा करने के लिए चीन को आवश्यक कदम उठाने पड़ते हैं। लेकिन, कुछ पश्चिमी मीडिया ने इस घटना को लेकर चीन की निंदा की है। वास्तव में बहुत कम पश्चिमी लोग तिब्बत के इतिहास को जानते हैं। पश्चिमी मीडिया की कार्यवाई चीन का विभाजन करने की साजिश ही है। (श्याओयांग)

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