2008-05-07 13:55:00

तिब्बती जातीय लोग अभूतपूर्व विचार स्वतंत्रता का उपभोग कर रहे हैं

रेड पोप्पीस नामक उपन्यास के विश्वविख्यात तिब्बती लेखक अलाई ने हाल ही में सछ्वान प्रांत के छंग तू शहर में एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि विचार स्वतंत्रता सब से मनोहर पृथ्वी स्वर्ग है , आज के तिब्बत लोग अभूतपूर्व विचार स्वतंत्रता का उपभोग कर रहे हैं ।

करीब 50 वर्षिय अलाई का जन्म उत्तर पश्चिम सछ्वान के तिब्बती क्षेत्र स्थित 20 परिवारों वाले एक पहाड़ी गांव में हुआ है । लेखक अलाई ने कहा कि चीन के तिब्बत क्षेत्र में जो भारी राजनीतिक , आर्थिक , सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन आये हैं , वे सर्वविदित हैं । पर पिछली आधी सदी में तिब्बती क्षेत्रों में व्यक्तियों में सब से बड़ा परिवर्तन आया है , जिस में विचार स्वतंत्रता और दर्ज वाली व्यवस्था की समाप्ति शामिल हैं ।

लेखक अलाई ने कहा कि स्वीटजरलैंड के ज़ुरिच में लेक्चर देते समय एक समुद्रपारीय तिब्बती महिला ने उन से कहा कि आप ने रेड पोप्पीस उपन्यास में लिखा है कि अतीत के कुलीनों ने उतने अधिक लोंगों का कत्लेआम किया , पर अतीत का तिब्बत ऐसा नहीं था , वे किसी व्यक्ति का कत्लेआम कभी नहीं करते । अलाई ने जवाब देते हुए कहा कि हम दो तिब्बत में रहते हैं , मैं ने जिस तिब्बत का वर्णन किया है , वह असली तिब्बत ही है , जबकि दलाई गुट और उस के भ्रम में पड़ने वाले लोग एक झूठ भरे प्रचार में ।