2008-05-06 10:36:34

दक्षिण पश्चीमी चीन स्थित युननान प्रांत के दिछिंग में रहने वाले अल्पसंख्य जातियों का सुखमय जीवन

दिछिंग दक्षिण पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत के उत्तर पश्चिमी भाग में स्थित है, जो तिब्बत स्वायत्त प्रदेश से जुड़ा हुआ है । तिब्बती भाषा में दिछिंग का अर्थ है सुख और अमनचैन । यहां तिब्बती जाति, लिसू जाति, नाशी जाति, हान जाति और पाई जाति आदि 26 जातियां मेलमिलाप से रहती हैं । तिब्बती जाति की जन-संख्या कुल जन-संख्या का एक तिहाई भाग है ।

दिछिंग तिब्बती स्वायत्त प्रिफैक्चर की शांगरिला कांउटी की सड़क पर चलते हुए आप देख सकते हैं कि जातीय वस्त्र पहने हुए विभिन्न जातियों के स्थानीय लोग इधर-उधर आ-जा रहे हैं, सड़क के दोनों किनारों पर तिब्बती शैली में बने भवन खड़े हैं, मकान की छत पर तिब्बती बौद्ध धर्म के सूत्र झंडे हवा में फहरा रहे हैं, घास मैदान में पशु आराम से घास चर रहे हैं, दूर-दूर की खेती में जौ की लहरें लहरा रही हैं । इन सभी से एक सुन्दर चित्र उभर कर सामने आता है ।

दिछिंग का जीवन, पर्यावरण बाह्य दुनिया के लोगों को आकृष्ट करता है । अनेकानेक विदेशी पर्यटकों ने यहां आने के तुरंत बाद दिछिंग को पसंद किया । यहां तक कि उन में से कुछ व्यक्तियों ने स्थाई तौर पर यहां रहने का फैसला कर लिया ।

आज दिछिंग में रहने वाले अल्पसंख्यक जाति के लोग अपनी परम्परा को बरकरार रखने के साथ-साथ आर्थिक विकास का लाभ भी उठा रहे हैं । नाशी जाति की किसान सुश्री यांगछुनशङ ने का कहना है:

"मेरे घर में इलेक्ट्रनिक साजोसामान उपलब्ध है । टी.वी.सेट, फ्रिज, प्राकृतिक गैस सारी सुविधाएं हैं । हमारा जीवन खुशहाली के जीवन स्तर तक पहुंच गया है । मैं कभी-कभी अपने पति और बेटे के साथ बाहर जाकर घूमती हूँ । ऐसा कहा जा सकता है कि गांव में अवकाश के समय हम दूसरे स्थलों की यात्रा करते हैं ।"

पता चला है कि इधर के वर्षों में दिछिंग तिब्बती स्वायत्त प्रिफैक्चर का सकल उत्पादन मूल्य 22 प्रतिशत की वृद्धि तक बरकरार रहा है । हर वर्ष किसानों और चरवाहों की शुद्ध आय में 14.2 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है । दिछिंग वासी समृद्ध हो गए हैं और दूसरे स्थलों की यात्रा करना उन के लिए साधारण बात बन गयी है ।

बाह्य दुनिया के लोग यहां आते हैं और दिछिंग वासी बाहर जाते हैं। दिछिंग में रहने वाले ज्यादा से ज्यादा अल्पसंख्यक जातीय लोग बाहर की सैर करते हैं, व्यापार करते हैं और बड़े शहरों में पढ़ाई करने जाते हैं। लगातार बढ़ रही आवाजाही से दिछिंग वासियों की नज़र और विशाल हो गयी है और उन्हें अपनी जन्मभूमि के प्रति और गौरव महसूस होता है। चीन की राजधानी पेइचिंग स्थित पेइचिंग इस्टिंट्युट ऑफ़ टेक्नालाजी विश्वविद्यालय के विद्यार्थी तिब्बती लड़की झासी छ्वुछू दिछिंग से आयी है । वह अपने जन्मस्थान को बहुत प्यार करती है । तिब्बती लड़की जाशी छ्वुछू ने कहा:

"मैं पेइचिंग में तीन साल तक पढ़ी हूँ । तीन साल के बाद मैं अपने जन्मस्थान शांगरिला वापस लौटी । मुझे लगता है कि यहां भारी परिवर्तन आया है। तिब्बती क्षेत्र में मुझे लगता है कि मेरी जन्मभूमि सब से अच्छी है । पढ़ाई के लिए मैं बाहर गयी । लेकिन अपनी जन्मभूमि की चर्चा करते समय मुझे बहुत गौरव महसूस होता है ।"

सच है, शांगरिला वासियों बहुत गौरवशाली हैं । क्योंकि वे मानवीय स्वर्ग में रहते हैं । दिछिंग वासियों को भी गौरव महसूस होता है, क्योंकि यह शांगरिला का घर ही है ।

हर दिन रात को दिछिंग तिब्बती स्वायत्त प्रिफैक्चर की सरकार कार्यालय के आसपास स्थिति थानछंङ मैदान में आस पड़ोस के शहरों, कस्बों व गांवों से आए करीब एक हज़ार लोग मधुर संगीत के साथ आनंद उठाते हुए नाच रहे हैं । वे मैदान के केंद्र में गोल घेरा बनाकर भिन्न-भिन्न धुनों पर अलग-अलग नृत्य कर रहे हैं । लोगों के चेहरों पर आई मुस्कुराहट से पर्यटक बहुत प्रभावित होते हैं । वे नृत्य के घेरे में भाग लेकर संगीत में दिछिंग की अल्पसंख्यक जाति के लोगों का सरल व सुखमय जीवन महसूस करते हैं ।