चीन के तिब्बतविदों ने हाल ही में संवाददाता के साथ बातचीत में कहा कि कुछ पश्चिमी संगठनो व तथाकथित तिब्बती निर्वासित सरकार के सहारे में पल रहा तिब्बती युवा कांग्रेस शुरू से ही तिब्बती स्वतंत्रता को अपना मुख्य लक्ष्य बनाए रखा हुआ है और वह दलाई गुट का एक उग्रवादी दस्ता बन गया है।
विशेषज्ञों के विचार में तिब्बती युवा कांग्रेस की स्थापना का मुख्य उद्देश्य तथाकथित तिब्बती स्वतंत्रता कार्य के लिए उम्मीदवार शक्तियां तैयार करना है ।स्थापना के बाद तिब्बती युवा कांग्रेस ने जल्द ही दक्षिण एशिया व युरोप में अनेक निर्वासित तिब्बतियों की बस्तियों की शाखाएं स्थापित करना शुरू कर दिया । वर्तमान में तिब्बती निर्वासित सरकार में 80 प्रतिशत से अधिक कार्यकर्ता तिब्बती युवा कांग्रेस के सदस्य हैं ।तिब्बती स्वतंत्रता कार्य तिब्बती युवा कांग्रेस का मुख्य लक्ष्य बन गया है ।
विशेषज्ञों ने कहा कि तिब्बती युवा कांग्रेस निरंतर हिंसक व आतंकवादी कार्यवाहिंया चलाता आया है ।उसने अपनी हिंसक घोषणा पत्र में कहा है कि इस उद्देश्य को साकार करने के लिए कोई भी कीमत और किसी तरह के उपायों का इस्तेमाल करने में वह नहीं हिचकिचाएगें । तिब्बती स्वतंत्रता पूरा करने के लिए तिब्बती युवा कांग्रेस ने न सिर्फ आम आदमियों को हिंसा घटना में भाग लेने के लिए भडकाया है ,बल्कि सशस्त्र शक्तियों को बरकरार रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी है । उस ने भारत के धर्मशाला में सशस्त्र अभ्यास अड्डा स्थापित किया है ।लंबे समय तक हिंसक गतिविधियों से लिप्त होने से तिब्बती युवा कांग्रेस आतंकवादी संगठन की ओर कदम बढ़ा रहा है ।