लेख में कहा गया है कि अस्तित्व और विकास अपरिहार्य मानवाधिकार हैं। दलाई गुट लगातार कथित तिब्बती मानवाधिकार का प्रचार कर रहा है। लेकिन दलाई लामा के नियंत्रण में पुराने तिब्बत में कुल आबादी के 95 प्रतिशत से अधिक दासों को स्वतंत्रता नहीं थी, यहां तक कि अस्तित्व का अधिकार भी सुनिश्चित नहीं किया गया था। कई सालों में दलाई लामा तिब्बती लोगों के विकास को अनदेखा करके क्रमशः तिब्बत की स्थिरता को नुकसान पहुंचाने वाली कार्यवाही कर रहा है। अनेक देशों के विशेषज्ञ समझते हैं कि दलाई लामा द्वारा हांक लगाए जाने वाला तिब्बती मानवाधिकार सवाल झूठा है। (ललिता)
![]() |
![]() |
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040 |