2008-04-30 11:11:59

तिब्बती महिला जीवित बुद्ध ने कहा कि रूपांतरण व खुलेपन के बाद तिब्बत में भारी परिवर्तन आया है

तिब्बत की एकमात्र महिला जीवित बुद्ध सांगदांग दोर्चे फाखमो देछन छोद्रोन ने संवाददाता के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि तिब्बत में शांतिपू्र्ण मुक्ति के बाद लोकतांत्रिक रूपांतरण हुआ है और गुलामी की प्रथा रद्द कर दी गई है। खासकर रूपांतरण व खुलेपन के बाद तिब्बत में भारी परिवर्तन आया है।जीवित बुद्ध देछन छोद्रोन ने कहा कि किसानों व चरवाहों को व्यापक रुप से सुरक्षित व नये मकान मिले हैं , स्वच्छ पानी एवं समतल रास्तों की सुविधा के लिए देश ने भारी पूंजी डाली है और निवास परियोजना में समाजवादी नए गांवों का निर्माण किया है, ताकि किसानों व चरवाहों को पूर्ण रूप से रूपांतरण व विकास की उपलब्धियों के उपभोग करने का मौका मिल सके।

उन्होंने कहा कि 14 मार्च को दलाई गुट की प्रेरणा से चंद अपराधियों ने ल्हासा में गंभीर हिंसक कार्यवाइयां करके गंभीर रूप से तिब्बती बौद्ध धर्म की सामान्य व्यवस्था और अच्छी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है। (श्याओयांग)