2008-04-27 16:26:41

दलाई लामा की तिब्बत संस्कृति सर्वनाश दलील तथ्यों के आगे लड़खड़ा रही हैः तिब्बती जीवित बौद्ध सिनजा तेनजीन छोएता

तिब्बती बौद्ध धर्म के गेगवी सेक्ट संप्रादाय के जीवित बौद्ध सिनजा तेनजीन छोएता ने इधर के दिनों में हमारे संवाददाता के साथ साक्षात्कार में कहा कि 14 वें दलाई लामा द्वारा फैलाई तिब्बत की संस्कृति सर्वनाश दलील आदि झूठ, तथ्यों के आगे लड़खड़ा रही है। केवल तिब्बती भाषा के प्रयोग की स्थिति व तिब्बती सांस्कृतिक सामग्रियों के संपादन पर थोड़ी सी भी नजर डालें तो उसके झूठ की पोल खुद ब खुद खुल जाएगी।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की जन प्रतिनिधि सभा की स्थायी कमेटी के उपाध्यक्ष सिनजा तेनजीन छोएता ने कहा कि इस से पहले 14 वें दलाई लामा के दमन शासन में पूरे तिब्बत में चन्द पढ़े लिखे लोग ही थे। उस समय कुलीन रईस परिवारों के कुछ धार्मिक ग्रंथो के अलावा, तिब्बत से संबंधित उपन्यास, कहानी आदि पुस्तकें बिल्कुल नहीं थी। जब कि आज अनेक किस्मों की पुस्तकें, ग्रंथे जहां तहां मिलती हैं, अनेक किस्मों की संस्कृति व कला अपनी खूबसूरती को निखार रही है।

उन्होने कहा कि कई सालों से तिब्बत के शिक्षा विभाग हमेशा से तिब्बती भाषा को एक बुनियादी शिक्षा दौर में एक अनिवार्य पाठयक्रम निश्चित किया है। जिस ने तिब्बत जाति की सर्वश्रेष्ठ सांस्कृतिक विरासत को जारी रखा है, तिब्बत में कोई 260 से अधिक तिब्बती प्राचीन ग्रंथो को बचाने व उसका संपादन व प्रकाशन करने के काम को भी बल दिया गया है। तिब्बत की आधुनिक शिक्षा अनेक स्कूलों में पूरी तरह फैल रही है , यहां तक कि बस्तियों व गावों में भी पेशावर अध्यापकों की शक्तियों में भारी सुधार आया है।