2008-04-26 17:27:18

जन दैनिक अखबार के हस्ताक्षरित लेख में कहा कि तिब्बत सवाल कोई जातीय मामला नहीं

26 अप्रैल को प्रकाशित चीनी मुख पत्र जन दैनिक में प्रकाशित हस्ताक्षरित लेख में कहा गया है कि दलाई गुट और कुछ व्यक्तियों का तथाकथित तिब्बत सवाल मूलतः कोई जातीय मामला नहीं है और वह चीन को विभाजित करने वाला सवाल ही है ।

लेख में कहा गया है कि दलाई गुट ने गत मार्च में भारत में यह दावा किया है कि उत्प्रवासन से गैर तिब्बतियों की संख्या तेजी से बढ़ गयी , तिब्बती वासी अपनी ही भूमि पर एक गैर महत्वपूर्ण अल्पसंख्यक जाति का रूप ले रहे हैं । पर वास्तव में 2007 के अंत तक तिब्बत की कुल संख्या में तिब्बती जाति और अन्य अल्पसंख्यक जातियां 95 प्रतिशत बनती हैं ।

लेख में कहा गया है कि दलाई गुट ने तिब्बत को भूदास व्यवस्था और गरीबी से पिंड छोड़ाने में चीन सरकार की प्रयासों व उपलब्धियों का उल्लेख नहीं किया और चीन में सुधार व खुली नीति लागू होने के बाद तिब्बत में हुए जमीन आस्मान के भारी परिवर्तनों को अनदेखा कर दिया , जातीय सवाल से जातीय असमानता का मनमाने ढंग से ढिंढोरा पिटा । वे दूसरी जातियों को तिब्बत से हटवाने के लिये महा तिब्बती क्षेत्र रचने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं । निष्पक्ष रुख अपनाने वाले लोग इस से देख सकते हैं कि आखिरकार कौन जातीय असमानता रचने में लगा हुआ है ।

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