66 वर्षीय श्री घामबा केल्ज़ांग पुराने तिब्बत के अभिजात-वर्ग के परिवार में पैदा हुए थे। उन के चाचा ने 14वें दलाई लामा के निजी प्रबंधक का काम किया था ।
सन 1989 में पोटाला महल के जीर्णोद्धार के पहले चरण का काम शुरू होने पर श्री घामबा केल्ज़ांग महल के प्रबंधन विभाग में काम करने लगे । दो साल बाद वे इस विभाग के नेता बने ।
पोटाला महल में 17 साल काम करने के बाद श्री घामबा केल्ज़ांग को अपने कामकाज़ के प्रति काफी गौरव महसूस होता है । उन्हों ने कहा कि जब मैं पोटाला महल के लाल पर्वत पर खड़ा होता हूं , तब मुझे लगता है कि सारी दुनिया की नजरें मुझ पर केंद्रित हैं । क्योंकि यह सिर्फ तिब्बती जनता का तीर्थ स्थल ही नहीं , विश्व सांस्कृतिक विरासत भी है । आजकल पोटाला महल का बीते 350 सालों में सब से भव्य जीर्णोद्धार काम किया जा रहा है ।