2008-04-25 19:26:58

तिब्बती बौद्ध धर्म की गेरुग शाखा के जीवित बुद्ध ने कुछ चंद भिक्षुओं व भिक्षुणियों की अवैध कार्रवाई की निंदा की

चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के बौद्ध धार्मिक संघ के स्थाई सदस्य, गेरुग शाखा के जीवित बुद्ध सालुंग फुन्ल्हा ने 24 तारीख को शिकाज़े में कहा कि दलाई गुट की धर्म के बहाने मातृभूमि को अलग करने की कुचेष्टा विफल ही रहेगी । ल्हासा में तोड़फोड़, लूटमार और आगजनी वाली हिंसक घटना में भाग लेने वाले कुछ चंद भिक्षुओं और भिक्षुणियों की अवैध कार्रवाई धार्मिक सिद्धांत का उल्लंघन है, जिस का जबरदस्त विरोध किया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि कुछ चंद भिक्षुओं और भिक्षुणियों ने बौद्धिक पोशाक पहनकर 14 मार्च की हिंसक घटना में भाग लिया, मुझे इस के प्रति दुख है ।

जीवित बुद्ध सालुंग फुन्ल्हा ने कहा कि 14 मार्च की घटना से दलाई गुट की मातृभूमि को अलग करने वाली कुचेष्टा जाहिर हुई है । हिंसक घटना में भाग लेने वाले अपराधियों को कानून के अनुसार गंभीर सज़ा दी जानी चाहिए ।

उन्होंने यह भी कहा कि भिक्षुओं और भिक्षुणियों को इस प्रकार की कार्रवाई में भाग नहीं लेना चाहिए । उन की ऐसी हरकत तिब्बती बौद्ध धर्म के सिद्धांत का उल्लंघन है । जीवित बुद्ध ने बल देते हुए कहा कि देश और धर्म से प्यार तिब्बती बौद्ध धर्म की श्रेष्ठ परम्परा है । देश का विभाजन करने की कार्रवाई जनता से समर्थन प्राप्त न होकर विफल ही रहेगी । (श्याओ थांग)