जीवित बुद्ध सालुंग फुन्ल्हा ने कहा कि 14 मार्च की घटना से दलाई गुट की मातृभूमि को अलग करने वाली कुचेष्टा जाहिर हुई है । हिंसक घटना में भाग लेने वाले अपराधियों को कानून के अनुसार गंभीर सज़ा दी जानी चाहिए ।
उन्होंने यह भी कहा कि भिक्षुओं और भिक्षुणियों को इस प्रकार की कार्रवाई में भाग नहीं लेना चाहिए । उन की ऐसी हरकत तिब्बती बौद्ध धर्म के सिद्धांत का उल्लंघन है । जीवित बुद्ध ने बल देते हुए कहा कि देश और धर्म से प्यार तिब्बती बौद्ध धर्म की श्रेष्ठ परम्परा है । देश का विभाजन करने की कार्रवाई जनता से समर्थन प्राप्त न होकर विफल ही रहेगी । (श्याओ थांग)