उन्हों ने कहा कि सभी भिक्षुओं को देश के कानूनों का पालन करना और अपने देश व धर्म का समादर करना चाहिए । हमें अपने धर्म पर ईमानदारी से विश्वास करना चाहिए , और सरकार का समर्थन करना चाहिए ।
84 वर्षीय जीवित बौद्ध छांग छोट्रिजामछू तिब्बती चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञ भी हैं । उन्हों ने कहा कि इधर के वर्षों में तिब्बती चिकित्सा पद्धति और औषधियों का तेज़ी से विकास हुआ है , जिससे तिब्बती जनता को लाभ मिला है । जीवित बौद्ध ने कहा कि चंद अपराधपूर्ण व्यक्तियों ने मौजूदा जीवन को रौंद कर 14 मार्च हिंसक घटना पैदा की । उन की कार्यवाही बौद्ध धर्म के नियमों का उल्लंघन है ।
जीवित बौद्ध छांग छोट्रिजामछू ने कहा कि पेइचिंग ऑलंपियाड चीन के इतिहास में अभूतपूर्व है। उम्मीद है कि यह पूरी तरह सफल होगा ।