इस लेख में कहा गया है कि दलाई गुट ने विश्व की सभी जगहों में दुखी चेहरे दिखाए हैं । उन्हों ने यह दावा किया कि 14 मार्च घटना उन से संबंधित नहीं हैं, जबकि चीन सरकार ने उन की आलोचना की है। वे चीन को विभाजित नहीं करना चाहते , पर चीन सरकार ने इसी संदर्भ में उन का निरंतर निराधार खंडन किया है । वे शुरू से ही पेइचिंग ऑलंपियाड का समर्थन कर रहे हैं , लेकिन चीन सरकार ने उन पर संदेह किया है । इस प्रकार दलाई गुट विश्व में सब से शोचनीय व बेगुनाह मालूम पडता है ।
लेकिन तथ्य यह है कि अगर दलाई गुट ने हिंसक घटना पैदा नहीं की , 14 मार्च में शरीक अपराधियों ने क्यों स्वीकार किया कि उन के पीछे दलाई गुट है । अगर दलाई गुट ने तिब्बती स्वाधीनता नहीं चाही , तो क्यों उन्हों ने तिब्बती निष्कासित सरकार का गठन किया । अगर दलाई गुट ने पेइचिंग ऑलंपियाड का सही समर्थन किया , तो क्यों उन्हों ने मशाल रिले को भंग किया ।
लेख में कहा गया है कि दलाई गुट विश्व में दुखी चेहरा दिखाकर अपनी जिम्मेदारी से भागना चाहता है , और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सहानुभूति के सहारे चीन सरकार पर दबाव डालना चाहता है।