14 मार्च ल्हासा हिंसक घटना से आज तक, फ्रांसीसी आदि पश्चिमी मीडिया ने तथ्यों को नज़रदांज कर पक्षपातपूर्ण रूप से तिब्बत सवाल की रिपोर्टिंग की और ऑलंपिक को इस से जोड़ा है। फ्रांस-चीन मैत्री संघ के अध्यक्ष श्री वेन मिन्डेन ने हमारे रेडियो के संवाददाता से इन्ट्रव्यू के समय पश्चिमी मीडिया द्वारा तिब्बत सवाल का प्रयोग करके चीन को कलंकित करने की निंदा की।
उन्होंने कहाः "तिब्बत सवाल पूरी तरह से पश्चिमी मीडिया द्वारा चीन को कलंकित करने का औज़ार बन गया है और ऑलंपियाड भी सब से मूल्यवान प्रेस बिंदु बन गया है"
मार्च के अंत में यूरोप में सब से बड़े चीनी भाषी समाचार-पत्र में श्री वेन मिन्डेन ने आपनी आंखों देखा तिब्बत पर लेख छापकर एक असली तिब्बत लोगों को बताया हैः
दलाई लामा द्वारा चीन छोड़ने की असली स्थिति पश्चिमी व्यक्तियों को मालूम नहीं है। खेद है कि फ़्रांसीसी मीडिया ने भी लोगों के सामने असली तिब्बत की स्थिति लाने की कोशिश नहीं की। लेख में मैंने बताया है कि अतीत के तिब्बत में जो भूदास समाज था , वह मध्य शताब्दी के यूरोप जैसा था ।
श्री वेन मिन्डेन को आशा है कि पश्चिमी मीडिया गंभीर रुप से तिब्बत सवाल पर विचार कर सकेगा। उन्होंने साथ ही फ़्रांस सरकार से साहस के साथ चीन-फ़्रांस की मित्रता के लिए वास्तविक कार्यवाही करने की अपील की।
वर्तमान में 77 वर्षीय श्री वेन मिन्डेन ने 1956 में पहली बार चीन की यात्रा की थी और आज तक वे चीन की 206 बार यात्रा कर चुके हैं। उन के नेतृत्व वाले फ्रांस-चीन मैत्री संघ ने दीर्घकालीन रूप से फ्रांस-चीन अर्थ, वाणिज्य,संस्कृति और कला की आवाजाही कार्य किया है।(होवेइ)