श्री रेनचेन रोसर ने कहा कि ल्हासा में पैदा हुई हिंसक घटना केंद्रीय सरकार विरोधी तिब्बती जनता की कार्रवाही नहीं है, वह चंद व्यक्तियों द्वारा चीन सरकार पर दबाव डालने के लिये रचित घटना ही है । उन्होंने कहा कि खुद वे तिब्बत में रहकर काम करते थे ।वे बहुत से पश्चिमी देश भी गए हैं , इसलिए तिब्बत सवाल के बारे में बहुत से व्यक्तियों से उन्हें बोलने का अधिकार है।
श्री रेनचेन रोसर ने कहा कि तिब्बत की वास्तविक स्थिति पश्चिमी मीडिया की रिपोर्टिंग में उल्लेखित तिब्बत एवं दलाई द्वारा प्रचार प्रसार किये जाने वाले तिब्बत से एकदम भिन्न है। तिब्बती संस्कृति को चीन सरकार द्वारा बर्बाद किए जाने की चर्चा में श्री रेनचेन रोसर ने कहा कि वर्तमान में चीन में दो बाज़ार से अधिक व्यक्ति तिब्बती संस्कृति का अध्ययन कर रहे हैं। आज का तिब्बत संस्कृति और अर्थ व समाज जैसे क्षेत्रों का विकास इतिहास में सब से अच्छे काल में है।(होवेइ)