चीनी तिब्बती शास्त्र अनुसंधान केंद्र के उप महानिदेशक, अनुसंधानकर्ता डॉक्टर गेलेग ने हाल में संवाददाता के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि तिब्बती जाति की प्राचीन संस्कृति चीनी राष्ट्र की प्राचीन सभ्यता का महत्वपूर्ण अंग है । नव-प्रस्तर युग से ही तिब्बती संस्कृति चीनी राष्ट्र की प्राचीन संस्कृति के साथ मिलती रही है, दोनों के बीच घनिष्ठ संबंध कायम रहा है ।
उन्होंने कहा कि देशी विदेशी शत्रुतापूर्ण शक्तियों की तिब्बत को चीनी राष्ट्र के बड़े परिवार से अलग करने की कुचेष्टा के विफल होने का एक कारण यह भी है । चीन के एक अभिन्न अंग के रूप में तिब्बत का ऐतिहासिक स्थान नहीं बदलेगा ।
श्री गेलेग ने कहा कि तिब्बती जाति एक बहुस्रोत वाली जाति है । प्राचीन तिब्बती संस्कृति ने स्थानीय संस्कृति के आधार पर उत्तरी चीन के घास मैदान क्षेत्र की घुमंतु संस्कृति और भीतरी इलाके की प्राचीन संस्कृति को जोड़ा है ।
श्री गेलेग ने कहा कि उक्त सारांश को अधिकाधिक देशी विदेशी विद्वानों की मान्यता हासिल हुई है।(श्याओ थांग)