दलाई लामा द्वारा ढिंढोरा पीटने वाले मध्य रास्ते के प्रमुख विषयों में से एक है सारे छिंगहाई-तिब्बत पठार को मिला कर विशाल तिब्बती क्षेत्र की स्थापना की कुचेष्टा करना। श्री ल्यैग श्यांग मिन ने कहा कि इतिहास में तथाकथित विशाल तिब्बत कभी भी मौजूद नहीं था। आज तिब्बती जाति के विभिन्न कस्बे लम्बे ऐतिहासिक विकास की प्रक्रिया में उत्पन्न हुए हैं।
श्री ल्यैन श्यांग मिन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अनेक लोग यह नहीं जानते हैं कि छिंगहाई-तिब्बत पठार पर पीढ़ी दर पीढ़ी हान, मंगोलिया, ह्वेई जातियां और अन्य अल्पसंख्यक जातियां रहती आई हैं। दलाई लामा ने विशाल तिब्बती क्षेत्र का इस्तेमाल करके लोगों से झूठ कहा है और अलगाव वाली गतिविधियों को प्रोत्साहित किया है। (श्याओयांग)