चीन के केन्द्रीय जातीय विश्वविद्यालय के उप प्रधान श्री छेस्राब निमा ने 21 अप्रैल को पेइचिंग में आयोजित पहले पेइचिंग मानवाधिकार मंच में कहा कि अब तिब्बत में धार्मिक स्वतंत्रता में बड़ा परिवर्तन हुआ है।
श्री छेस्राब निमा ने कहा कि पुराने समय में तिब्बत के स्थानीय कानून में धार्मिक स्वतंत्रता में स्पष्ट दबाव देखा जा सकता है। लेकिन चीन लोक गणराज्य के संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता जनता का एक बुनियादी अधिकार बन गया है।
श्री छेस्राब निमा ने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान बुनियादी मानवाधिकार का सम्मान है। चीन में धार्मिक स्वतंत्रता को संविधान और कानून में सुनिश्चित किया गया है। (ललिता)