2008-04-21 10:11:23

सुप्रसिद्ध फिल्म-अभिनेत्री कुंग ली की कहानी

मित्रो,कुंग ली चीन की श्रेष्ठ अभिनेत्रियों में सब से ऊपर मानी गई है। दूसरी कुछ चीनी अभिनेत्रियों की तुलना में उन्हों ने ज्यादा फिल्मों में काम नहीं किया है,लेकिन जितनी भी फिल्मों में उन्होंने काम किया है,वे सब की सब लोकप्रिय,सफल व कमाऊ फिल्में साबित हुई हैं।

सन् 1986 में जब कुंग ली पेइचिंग के चीनी केंद्रीय नाटक प्रतिष्ठान के दूसरे वर्ष में पढ रहीं थीं,तब फिल्म-निर्देशक चांग ई-मो ने उन्हें अपनी नयी फिल्म 《Red Sorghum》के लिए हिरोइन के रूप में चुना था।यह कुंग ली के लिए किस्मत बदलने का पहला सुनहरा मौका साबित हुआ। फिल्म《Red Sorghum》राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर अत्यतं सफल रही। 38 वें बर्लिन अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव में उसे स्वर्ण भालू पुरस्कार मिला।

कई सालों तक बड़े पर्दे को अस्थाई रुप से अलविदा कहने के बाद सन् 2005 में कुंग ली ने हॉलीवुड की भारी लागत वाली फिल्मों 《Memoris of a Geisha》और《Miami Vice》में हिरोइनों की भूमिकाएं अदा कीं। इन दो फिल्मों में उन्हों ने अपने स्वभाव से बिल्कुल विपरीत दो महिलाओं के जीवन के कुछ असामान्य पक्षों को सजीव रूप से प्रदर्शित किया।खास कर फिल्म《Miami Vice》में उन्होंने एक अंडरवर्ड के मुखिया की रखैल की भूमिका निभाई। इस भूमिका को अच्छी तरह निभाने के लिए वे भेष बदल कर किसी लातिन अमरीकी देश में अंडरवर्ड से संबंध रखने वाली महिलाओं के साथ 3 महीनों तक रहीं और इस तरह फिल्म में काम करने से पहले उस दुनिया का समृद्ध अनुभव प्राप्त किया। इस बीच उन्हों ने कई प्रकार के शस्त्रों का प्रयोग करने और तेज रफ्तार वाली पोत चलाने की तकनीक पर भी महारत हासिल की। इस फिल्म ने उन्हें हॉलीवुड की उच्च चोटी की अभिनेत्रियों की पांत में ला खड़ा किया।उन्हों ने कहाः

"मेरे लिए इस फिल्म में रोल निभाना एक नई चुनौती है। क्योंकि मेरा जीवन और स्वभाव इस रोल के जीवन और स्वभाव से कोसों दूर है। अंडरवर्ड के लोग हमारे जैसे सार्वजनिक तौर पर रहने वाले लोगों के जीवन में कभी देखने को नहीं मिलते हैं।इस फिल्म की एक खासियत यह है कि उस के संवाद सरल पर सारगर्भित हैं। लगभग हरेक वाक्य के दो अर्थ हैं।इस फिल्म से मैं ने बहुत कुछ सीखा हैं। "

चांग ई-मो के निर्देशन में बनी नई फिल्म《Autumn Remembrance》में कुंग ली ने प्राचीन काल में चीन की एक अत्यंत अंतरविरोधी स्वभाव की महारानी की भूमिका अदा की है।चांग ई-मो ने कहा था कि सिर्फ कुंग ली जैसी असाधारण अभिनेत्री ही इस भूमिका को अच्छी तरह निभा सकती है। तथ्यों से साबित हुआ है कि कुंग ली चांग ई-मो और दर्शकों की उम्मीदों पर खरी उतरी हैं।

एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मशहूर अभिनेत्री के रूप में इधर के कुछ वर्षों में हालांकि कुंग ली ने ज्यादा फिल्मों में काम नहीं किया है परंतु इस का मुख्य कारण पटकथा के प्रति उन की उंची मांग है। वह हमेशा से घटिया फिल्मों से मुंह फेरे रहती हैं और मानती हैं कि इस तरह की फिल्म से किसी भी श्रेष्ठ अभिनेता या अभिनेत्री की प्रतिभा बेकार हो जाती है। इसलिए वह ज्यादातर समय किसी अच्छी पटकथा के इंतज़ार में रहती हैं। आयु के 40वें वसन्त में दाखिल होने के बाद उन्हें जीवन की गहराई समझ में आई है। उन्हें लगा है कि उम्र और अनुभवों में वृद्धि के चलते अभिनेता या अभिनेत्रियां अपने अभिनय में अधिक निखार ला सकते हैं। उन का कहना हैः

"मैं नहीं समझती हूं कि उम्र अभिनेत्रियों के लिए बड़ी समस्या है। अभिनेता हो या अभिनेत्री,अपनी परिपक्व मनोस्थिति और समृद्ध अनुभवों के जरिए बढती उम्र से पैदा होने वाले नकारात्मक तत्वों को हरा सकता है। युवावस्था में आप जरूर सुन्दर दिखते हैं,लेकिन अनुभवी नहीं। अनुभव उम्र के साथ-साथ आते हैं। जीवन के बारे में अनुभवों के अभाव में आप कैसे फिल्मी भूमिकाओं को त्रिआयामी और परिपूर्ण ढंग से निभा सकते हैं? यही कारण है कि अनेक विश्व प्रसिद्ध फिल्म-निर्देशकों ने अपनी गंभीर कृतियों में उम्रदराज अभिनेता या अभिनेत्री को हीरो या हिरोइन के रूप में आमंत्रित किया है।"