फ्रांस के उद्योगपति श्री फौल दुब्रुल ने 18 अप्रैल को पूर्वी चीन के शांगहाई शहर में संवाददाताओं के साथ इंटरव्यू में कहा कि तिब्बत में उन के 3 महीने के बाइसिकिल यात्रा के अनुभवों से तिब्बत के बारे में उन के पूर्व विचार बदल गए है। वर्तमान में तिब्बत की अनाप शनाप चर्चा करने वाले , पर तिब्बत में कभी नहीं पहुंची फ्रांसीसी मीडिया की तुलना में उन्हों ने तिब्बत के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त की है और उन्हें कुछ बोलने का अधिकार हुआ है।
श्री फौल दुब्रुल ने कहा कि तिब्बत जाने से पहले उन का विचार अनेक पश्चिमी लोगों के बराबर था कि चीन सरकार तिब्बत का उत्पीड़न करती है। लेकिन तिब्बत पहुंचने के बाद उन्होंने यह देखा है कि वहां चीन सरकार ने भारी पूंजी लगा कर अनेक स्कूलों, अस्पतालों, बिजली घरों, हवाई अड्डों विशेषकर थल मार्गों का निर्माण किया। इससे यह जाहिर है कि चीन सरकार सदिच्छे से तिब्बत के आर्थिक विकास और आम लोगों के जीवन को सुधारने में तिब्बत की सहायता कर रही है।
श्री फौल दुब्रुल ने पिछली शताब्दी के 90 के दशक से तिब्बत से संबंधित पुस्तक पढना शुरु किया। उन के विचार में पश्चिमी समुदाय ने 14वें दलाई लामा को महात्मा मानकर उस की अंधाधुंध प्रशंसा की और कुछ गलत रिपोर्टों में उसे एक पीड़ित भी बताया गया है। लेकिन पुराने तिब्बत में शिशु मृत्यु दर रिकार्ड की थी और ल्हासा से अली इलाके तक के 1000 किलोमीटर के दायरे में कोई चिकित्सा संस्था नहीं थी । श्री फौल दुब्रुल ने यह भी कहा कि फ्रांस के मुकाबले हालांकि वर्तमान तिब्बत के लोगों का भौतिक जीवन इतना समृद्ध नहीं है लेकिन उन्हें स्पष्ट अनुभव हुआ है कि वे अब सामाजिक प्रगति की उपलब्धियों का उपभोग कर रहे हैं।
(वनिता)