2008-04-18 17:59:01

कुछ पश्चिमी मीडिया संस्थाओं ने तिब्बत स्वाधीनता की आलोचना की

हाल में कुछ पश्चिमी मीडिया संस्थाओं ने लेख जारी कर तिब्बत स्वाधीनता की आलोचना की और पश्चिमी विश्व व मीडिया के संबंधित रूखों पर नए सिरे से चिन्तन की।

कनाडा के वैश्विकीकरण पर अध्ययन केंद्र की वेब साइट ने हाल में लेख जारी कर कहा कि अमरीका ने चीन पर दबाव डालने के लिए तिब्बत घटना रची है। लेख में कहा गया है कि ओलिंपिक जल्द ही आयोजित होने के वक्त तिब्बत में हिंसा भड़काना अमरीका द्वारा चीन की स्थिरता को भंग करने की कोशिश का विकसित रूप है । अमरीका की गुप्तचर संस्था सी .आई. ए के बाह्य संगठन अमरीकी नेशनल डेमोक्रेसी एंडाउमैंट ने दलाई लामा को उस के धर्मशाला भाग जाने के बाद दसियों लाख अमरीकी डॉलर की सहायता दीहै। तिब्बत घटना पर पश्चिमी मीडिया ने स्वतंत्र जांच पुष्टि के बजाए झूठी रिपोर्टें दी हैं। लेख में यह भी कहा गया है कि अमरीका द्वारा पेइचिंग को पलटने और धौंसने की यह हरकत असल में आग से खिलवाड़ करना है।

जर्मन विदेश संबंध संघ के चीन समस्या के विशेषज्ञ श्री साडस्चनेयीडर ने 16 तारीख को जर्मन वाइस रेडियो से इन्टरव्यु में कहा कि पश्चिमी मीडिया पर दलाई लामा के कथनों का कब्जा है । खास कर खेद की बात है कि इस घटना पर बहुसंख्यक जर्मन मीडियाओं की रिपोर्टें पक्षपातमूलक है।

अंतर्राष्ट्रीय ऑलंपिक संगठन के पूर्व अध्यक्ष श्री सामारान्ची ने हाल में स्पेन के ला वानगुरडिया अखबार के इन्टरव्यू में कहा कि पेरिस और लंदन में हुई ऑलंपिक की पवित्र अग्नि पर हिंसक प्रहार करने की घटना एकदम अस्वीकार्य है , इस पर उन्हें बेहद दुख है । ऑलंपिक के शब्दकोश में बहिष्कार का शब्द नहीं है । (पवन)