2008-04-17 10:03:48

प्राचीन पेइचिंग शहर के दुर्लभ पुराने खिलौने बेहद दर्शनीय हैं

प्रशंसनीय बात यह है कि प्राचीन पेइचिंग के पुराने माहौस से ओतप्रोत जीती जागती सड़क खुद इस गली चांग म्युजियम के प्रधान चांग यू श्यू ने पिछले दस सालों में क्रमशः स्थापित की है । इस वर्ष में 47 वर्षिय चांग यू श्यू पहले एक डाकघर में काम करते थे । पुराने पेइचिंग की विशेष संस्कृति से लगाव होने की वजह से उन्हों ने अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर इस म्युजियम की स्थापना करने में अपनी पूरी शक्त लगायी । इस पुरानी सड़क के नमूने में जितनी भी ज्यादा आकृतियों वाली मिट्टी मूर्तियां दर्शायी गयी हैं , वे सब के सब खुद उन्हों ने अपने हाथों बनायी थीं , जबकि सड़क पर प्रदर्शित पुरानी दुर्लभ वस्तुएं भी उन्हों ने धूप दौड़ कर बहुत मुश्किल से संग्रहित कर ली हैं

प्रिय दोस्तो , इसी कार्यक्रम में हम पेइचिंग शहर के गली च्यांग म्युजियम के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्राप्त कर चुके हैं , आज हम इसी असाधारण म्युजियम में प्रविष्ट होकर तफसील से देखेंगे और इसी संदर्भ में और पर्याप्त जानकारियां पायेंगे ।

प्रशंसनीय बात यह है कि प्राचीन पेइचिंग के पुराने माहौस से ओतप्रोत जीती जागती सड़क खुद इस गली चांग म्युजियम के प्रधान चांग यू श्यू ने पिछले दस सालों में क्रमशः स्थापित की है । इस वर्ष में 47 वर्षिय चांग यू श्यू पहले एक डाकघर में काम करते थे । पुराने पेइचिंग की विशेष संस्कृति से लगाव होने की वजह से उन्हों ने अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर इस म्युजियम की स्थापना करने में अपनी पूरी शक्त लगायी । इस पुरानी सड़क के नमूने में जितनी भी ज्यादा आकृतियों वाली मिट्टी मूर्तियां दर्शायी गयी हैं , वे सब के सब खुद उन्हों ने अपने हाथों बनायी थीं , जबकि सड़क पर प्रदर्शित पुरानी दुर्लभ वस्तुएं भी उन्हों ने धूप दौड़ कर बहुत मुश्किल से संग्रहित कर ली हैं । अपनी इस प्यारी कृति की चर्चा में उन्हों ने कहा कि शुरू में जब मैं ने इस पुरानी सड़क का खाका बनाकर यहां पर रखा , तो मैं पास में खड़ा होकर उस पर इतना मोहित हो गया कि उसे फिर छोड़ना नहीं चाहता , उस समय मुझे महसूस हुआ कि मैं एकदम उस में लीन हो गया । न जाने मैं इस गली में कितनी बार इस छोर से उस छोर तक टहलता था , पर हर बार में मुझे नया नया अनुभव हुआ , सुबह , दोपहर और शाम को इस गली ने मुझे अलग अलग आभास दिया । मुझे लगता है कि वह बहुत सुंदर है , बहुत सजीव है , मैं उस में बिलकुल मग्न हो गया ।

गली चांग म्युजियम में पर्यटक न केवल प्राचीन पेइचिंग शहर की पुरानी दुर्लभ वस्तुओं को देख सकते हैं , बल्कि पुराने जमाने में इस शहर में लोकप्रिय पुराने खिलौनों का मजा भी ले सकते हैं ।

यदि पर्यटक खेलते खेलते थक जाते हैं , तो वे इमारत पर स्थापित मंच पर पेइचिंग औपेरा का आनन्द भी उठा सकते हैं , इतना ही नहीं , पर्यटक वहां पर पेइचिंक के तरह तरह परम्परागत मजेदार पकवान चख सकते हैं और प्रसिद्ध स्वादिष्ट चटनी नुडल्स भी खूब खा सकते हैं । बहुत से पर्यटक अवकाश के समय यहां आना ज्यादा पसंद करते हैं । जी हां , प्राचीन पेइचिग की परम्परागत संस्कृतियों के शौकिन पर्यटक अनेक बार इस गली चांग म्युजिमय देखने आये हैं । फीनलैंड से आये माटिन लेरिमा भी उन में से एक हैं ।

मेरा दोस्त मुझे पहली बार यहां ले आया है , आज मैं जिस बार यहां आया हूं , वह पिछले आधे साल में मेरी चौथी बार ही है । मुझे यहां से बेहद लगाव हो गया है । क्योंकि यहां पर मुझे बहुत सी अलग ढंग की वास्तु शैलियों से युक्त मकानों को देखने को मिलता ही नहीं , बल्कि प्राचीन पेइचिंग के लोकप्रिय खिलौने व क्रिड़ा खेलने का मौका भी मिल सकता है । मेरी मातृभूमि फीनलैंड है , वहां पर बहुत सी निजी म्युजियम भी उपलब्ध हैं । मुझे आशा है कि और अधिक विदेशी पर्यटक इस गली चांग म्युजियम से परिचित होंगे और यहां आना पसंद भी करेंगे , यह एक बहुत अच्छी जगह है । मुझे गली चाग म्युजियम बहुत पसंद है ।

श्रोताओ , आप को मालूम हो गया है कि गली चांग म्युजियम एक निजी म्युजियम है , सिर्फ व्यक्तिगत शक्ति पर निर्भर रहकर इस म्युजियम का संचालन करना काफी कठिन है , इसलिये इस म्युजिमय को अपनी स्थापना से ही अक्सर पेइचिंग की परम्परागत संस्कृतियों के शौकिनों की ओर से सहायता मिलती रही है , कुछ पेइचिंग वासियों ने अपने घर में सुरक्षित दुर्लभ वस्तुएं इस म्युजियम को भेंट की , कुछ कलाकारों ने अपनी कलात्मक कृतियां भी चंदे रूप में दे दीं , बहुत से पर्यटकों को यह म्युजियम इतना पसंद हो गया कि वे खुद इस म्युजियम के स्वयंसेवक बन गये । अभी फीनलैंड से आये पर्यटक माटिन ने जिस दोस्त का उल्लेख किया है , वह उन में से एक है ।

मैं अब इस गली चांग म्युजियम का स्वयंसेवक हूं , पहले मैं यहां का दर्शक था । मैं चीनी संस्कृति में बड़ी रूचि लेता हूं , और तो और मैं बचपन से ही गलियों में खेलता था और गलियों में परवान होकर बड़ा हो गया । इधर सालों में पेइचिंग की गलियों की संस्कृति और चार दीवारी प्रागण रूपी मकान धीरे धीरे लुप्त होते जा रहे हैं , यह हालत देखकर मेरे मन में एक प्रकार का दायित्व उभर आया ।

गली चांग म्युजिमय के प्रधान चांग यू श्यू यहां के स्वयंसेवकों के साथ इस म्युजियम के निर्माण और उसे संपूर्ण बनाने के लिये प्रयासशील हैं । उन्हें आशा है कि अधिकाधिक पर्यटक गली चांग म्युजियम देखने आयेंगे और अधिकाधित लोग प्राचीन पेइचिंग की परम्परागत संस्कृतियों का ख्याल रखेंगे ।

प्रधान चांग ने यह अभिलाषा की कि पेइचिंग वासी और अधिक पेइचिंस से प्यार करें , और अधिक बाहरी लोग पेइचिंग से परिचित हों , समुद्रपारीय चीनी अपनी जड़ खोजने पेइचिंग आयें और और अधिक विदेशी दोस्त उन के लिये अजनबी व प्राचीन पूर्वी दुनिया में कदम रखें ।