2008-04-16 19:01:00

तिब्बत सवाल चीन की प्रभुसत्ता व प्रादेशिक अखंडता से संबंधित सवाल है

चीन के मुख्य समाचार पत्र जन-दैनिक में छपे 16 अप्रैल को तिब्बत सवाल क्या सवाल है शीर्षक लेख में कहा गया है कि तिब्बत सवाल मानवाधिकार, धर्म व जाति का सवाल नहीं है बल्कि चीन की प्रभुसत्ता व प्रादेशिक अखंडता से संबंधित सवाल है और चीनी राष्ट्र के मूल हितों से संबंधित सवाल है।

लेख में तिब्बत सवाल मानवाधिकार, धर्म व जाति का सवाल होने के कथनों का खंडन किया गया है। लेख में कहा गया है कि 20 वीं शताब्दी के मध्य तक तिब्बत में यूरोप के मध्य युग से भी अंधकारमय सामंती भूदास समाज रहा था। लेकिन आज पूरे तिब्बत में अनिवार्य शिक्षा, ग्रामीण व चरवाही क्षेत्रों में चिकित्सा प्रतिभूति व्यवस्था व न्यूनतम जीवन गारंटी व्यवस्था अपनाई गई है। तिब्बत की जनता को धार्मिक विश्वास की पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त है। तिब्बत की पारंपरिक संस्कृति की रक्षा की गई है।

लेख में जोर देते हुए कहा गया है कि तिब्बत सवाल दलाई गुट की तिब्बत स्वतंत्रता रचने की कुचेष्टा की आड़ है। तिब्बत सवाल चीन की प्रभुसत्ता व प्रादेशिक अखंडता से संबंधित सवाल है। किसी भी तरह के बहाने पर तिब्बत सवाल के जरिए चीन की प्रभुसत्ता का अतिक्रमण करने और चीन के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करने की कुचेष्टा व्यर्थ ही रहेगी।

(वनिता)