2008-04-16 14:43:35

ऊछाओ में देशी विदेशी नटकलाकारों के बीच आदान प्रदान

कुछ समय पहले उत्तरी चीन के हपे प्रांत की राजधानी शीच्याज्वांग में 11वां ऊछाओ अंतर्राष्ट्रीय नटकला उत्सव संपन्न हुआ।वर्ष 1987 में शुरू हुआ इस तरह का उत्सव विश्व में 3 प्रमुख नटकला उत्सवों में से एक है।सो इसे वैश्विक स्तर पर नटकलाकारों का मिलन-समारोह भी कहलाता है।

चीन में नटकला का इतिहास 2000 वर्षों से पहले के हान राजवंश से शुरू हुआ था।खदाई से प्राप्त ग्रंथों के अनुसार प्राचीन काल में नटकला आम चीनियों का एक प्रमुख मनोरंजन-मुद्दा थी।चीनी नटकला के परंपरागत कार्यक्रम खुले मैदान में प्रस्तुत किये जाते थे।जो सज्जे प्रयोग में लाए जाते थे,वे रोजमर्रा के जीवन के उपकरण होते थे।कार्यक्रम प्रस्तुतकर्ता दर्शकों से रूबरू होते थे।अगर दर्शकों को किसी तमाशे की सचाई पर संदेह होता था,तो वे आगे चलकर सज्जो को परख सकते थे या सज्जों को बदलने की मांग कर सकते थे।स्थल सीमितता से मुक्त होना,प्रदर्शन की लगात कम होना और कार्यक्रम प्रस्तुतकर्ताओं व दर्शकों के बीच सीधा आदान-प्रदान चीनी नटकला की परंपरागत विशेषता है और इस के चलते चीनी नटकला का गहरा जनाधार है।

चीनी नटकलाकारों ने सन् 1956 में अंतर्राष्ट्रीय नटकला प्रतियोगिता में भागीदारी शुरू करने के बाद पिछले 20 वर्षों में सौ से ज्यादा स्वर्ण पदक जीते हैं।चीनी नटकला भी नये सृजन के आधार पर लगातार विकसित होती चली गई हैं।

रूस की राजकीय नटकला मंडली के कार्यक्रम-निर्देशक श्री निकोलाविच ने कहा कि उन्हों ने अनेक बार चीनी नटकला मंडलियों को रूस में अभिनय करने के लिए आमंत्रित किया है।चीनी नटकलाकारों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमों का रूसी दर्शकों ने खूब स्वागत किया है।उन की नजर में पूर्व और पश्चिम की नटकलाओं की अपनी-अपनी श्रेष्ठता है।लेकिन इस में दो राय नहीं है कि चीनी नटकला अद्वितीय है।श्री निकोलाविच के अनुसार पूर्वी नटकला और पश्चिमी नटकला के बीच फर्क सब पेशावर लोग जानते हैं,लेकिन सब में यह सहमति बनी है कि चीनी नटकला अनुपम,अद्भूत और सूक्ष्म है,जो सभी लोगों की दिलचस्पी को रास आती है।चीनी नटकला के ऐसे अनेक गजब के कार्यक्रम है,जो विदेशी नटकला मंडलियों के लिए सिखाए नहीं सीख रहे हैं।इन कार्यक्रमों की कठिनता मेरे समेत अनेक विदेशी नटकलाकारों को पागल बना रही है।

श्री निकोलाविच ने कहा कि यह उन की नटकला मंडली की दूसरी चीन-यात्रा है।उन्हों ने चीनी नटकला मंडलियों के साथ सहयोग कर कार्यक्रम प्रस्तुत किए हैं और अर्जित अनुभवों का आदान-प्रदान किया है।यह दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद है।

उक्रेन से आए कबासोव इस उत्सव की चयन-कमेटी का सदस्य है।वे चीन की ऊछाओ नटकला के इतिहास और वर्तमान स्थिति से काफी वाकिफ़ है।उन का कहना है कि चीनी नटकला में शामिल प्राणायाम और जादुई खेल बहुत मशहूर है।संक्षेप में कहें,चीनी नटकला तमाशा करने वालों के हूनर पर जोर देती है,जबकि विदेशी नटकला बाहरी ढंग पर जोर देती है।विभिन्न देशों की नटकलाओं की अपनी-अपनी विशेषता है।सब को एक दूसरे से सीखना चाहिए।उन का कहना हैः

` चीन में बहुत से साधारण लोग भी नटकला से जुड़ा तमाशा कर दिखा सकते हैं।लेकिन उक्रेन में सिर्फ राष्ट्रीय स्तर के इने-गिने पेशावर कलाकार ऐसा कर सकते हैं।चीन में बहुत से ऐसी चीजें हैं,जो उक्रेन में देखने को नहीं मिल सकती हैं।वैसे ही उक्रेन की विशेषता चीन में देखने को नहीं मिल सकती है।चीनी नटकला कौशल के उच्च स्तर पर आधारित है,जिस में कौशल की जो कठिनता मौजूद है,उसे पार कर जाना हमारे लिए करीब असंभव है।दूसरे देशों की नटकला में सुन्दर मंच-सज्जे और मसालेदार दृश्य अपेक्षाकृत ज्यादा हैं,जो प्रदर्शन के माहौल को जोशीला बनाने में बड़ी मदद देते हैं।बेशक चीनी नटकला में जोशीला माहौल की कमी नहीं है।`

आज के दौर में विभिन्न देशों में सांस्कृतिक व कलात्मक आदान-प्रदान काफी सक्रिए हैं।चीनी नटकलाकार और विदेशी नटकलाकार एक दूसरे से सीखने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं,ताकि नटकला में आगे निकल सके।चीनी नटकला अपनी परंपरा के आधार पर नया सृजन कर दिखाने की कोशिश कर रही है।संबंधित विशेषज्ञों के अनुसार इधर के वर्षों में चीनी नटकला के प्रदर्शन में आधुनिक तकनीक से भव्य मंचीय दृष्यों के निर्माण पर जोर दिया गया है।इस तरह नटकला-कार्यक्रमों ने दर्शकों को ज्यादा आधुनिकता और झटके का अहसास कराया है।