2008-04-15 09:47:03

चीनी तिब्बतविद ने आंकड़ों व तथ्यों के जरिए तिब्बत के विकास की व्याख्या की

चीनी समाचार एजेंशी शिनह्वा की 14 तारीख की रिपोर्ट के अनुसार चीनी तिब्बत शास्त्र अनुसंधान केंद्र के पूर्व महानिदेशक श्री दा तानजङ ने हाल में सवाददाता के साथ एक साक्षात्कार में श्रृंखलाबद्ध आंकड़ों व तथ्यों का प्रयोग कर वर्ष 1951 में शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद से लेकर अब तक तिब्बत के विकास के रास्ते की विस्तृत व्याख्या की ।
श्री दा तानजङ ने कहा कि इतिहास में लम्बे अर्से से तिब्बत में सामंती भूदास व्यवस्था लागू थी और जनता का जीवन बहुत दुखी था । शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद चीन की केंद्र सरकार हमेशा तिब्बत के विकास को महत्व देता रहा है । केन्द्रीय सरकार ने वर्ष 2006 में तिब्बत के विकास को गति देने के लिए 40 उदार नीतियां बनायी, वर्ष 2007 में 180 परियोजनाओं के विकास के लिए तिब्बत में 77 अरब य्वान की धन राशि लगाई ।
श्री दा तानजङ ने कहा कि वर्तमान में तिब्बत की कांउटी व टाउनशिप स्तरीय जन प्रतिनिधि सभाओं और सरकारों के नेतृत्व दलों में अस्सी प्रतिशत से ज्यादा लोग तिब्बती जाति समेत अल्पसंख्यक जाति के हैं । इस से जाहिर है कि तिब्बती जनता देश की मालिक बन गई है । तिब्बत के किसानों व चरवाहों के लिए आवास परियोजना लागू की जाने के पिछले दो वर्षों में किसानों व चरवाहों के रिहायशी मकानों की स्थिति में पूर्ण रूप से सुधार आया है, 5 लाख 90 हज़ार तिब्बती किसान व चरवाहे सुरक्षित व सुविधापूर्ण नए मकानों में बस गए हैं। वर्तमान में तिब्बत में विभिन्न प्रकार के 1700 से ज्यादा धार्मिक स्थल हैं, मठों में 46 हज़ार भिक्षु व भिक्षुणियां रह रही हैं । तिब्बत में धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता होती है । (श्याओ थांग)