2008-04-14 10:52:10

सानच्यांगय्वान क्षेत्र में तिब्बती चरवाहों का नया जीवन

पश्चिमी चीन स्थिति छिंगहाई प्रांत का दक्षिण पश्चिमी भाग यांग्त्सी नदी, पीली नदी और लानछांगच्यांग नदी तीनों नदियों का उद्गम स्थल है । लानछांगच्यांग नदी जब चीन को पार करती है तो विदेशों में इसे मकोंग नदी कहा जाता है । इस तरह यह क्षेत्र तीन नदियों का उद्गम स्थल है,जिसे चीनी भाषा में सानच्यांगय्वान कहा जाता है । सानच्यांगय्वान छिंगहाई तिब्बत पठार में स्थित है, जहां अनेक छोटी-बड़ी नदियां और झीलें मौजूद हैं और यह क्षेत्र चीन में सब से महत्वपूर्ण जल संसाधन का स्रोत है । लेकिन प्राकृतिक व मानवीय कारणों से इधर के वर्षों में सान च्यांगय्वान क्षेत्र के पारिस्थितिकी पर्यावरण को काफी हद तक नुक्सान पहुंचा है । इस क्षेत्र के प्राकृतिक घास मैदानों पर पड़े प्रभाव को कम करने के लिए सानच्यांगय्वान में रह रहे पांच लाख तिब्बती चरवाहों में से तीन हज़ार स्थानांतरण कर शहर में आ कर बस गए हैं। शायद आप को यह जानने में रूचि होगी कि घुमंतू तिब्बती चरवाहों का जीवन कैसा है ?आज के इस लेख में आप मेरे साथ एक उत्प्रवासी गांव जाकर वहां बसे तिब्बती चरवाहों के जीवन के बारे में जानकारी हासिल करेंगे ।

तीन वर्ष पहले 38 वर्षीय तिब्बती चरवाहे निमा ने अपनी 40 से ज्यादा गायों को बेच कर समुद्र की सतह से 4500 मीटर ऊंचे यांग्त्सी नदी के उद्गम स्थल से छिंगहाई प्रांत के गर्मू शहर के दक्षिण भाग स्थित उपनगर में प्रवेश किया, यहां इस नए गांव में उस का जीवन फिर शुरू हुआ । तिब्बती बंधु निमा ने कहा कि पहले के घुमंतू जीवन की तुलना में आज का जीवन बहुत सुविधाजनक है । निमा का कहना है:

"यहां स्थानांतरित होने के बाद हम गांव में ही बीमार का इलाज करवा सकते हैं और जल व बिजली का प्रयोग कर सकते हैं । हमारे जीवन की स्थिति बड़ी हद तक सुधर गई है और जीवन बहुत सुविधाजनक हो गया है ।"

तिब्बती बंधु निमा अपने 60 वर्षीय पिता, पत्नि और तीन बच्चों के साथ रहते हैं । उन के रिहायशी मकान का क्षेत्रफल 70 वर्ग मीटर है । कुछ समय पूर्व उस ने टी.वी. सेट खरीदा । निमा ने कहा कि घर का मकान स्थानीय सरकार ने चरवाहों के लिए मुफ़्त निर्मित किया है। वर्ष 2004 में निमा और चरवाहों के एक सौ परिवार सरकार के आह्वान पर स्वेच्छा से सामूहिक तौर पर सानच्यांगय्वान घासमैदान से इस नये गांव में स्थानांतरित हो गए ।

निमा का पुराना यांग्त्सी नदी के उद्गम स्थल वाला पारिस्थितिकी गांव यानी छांगच्यांगय्वान पारिस्थितिकी गांव गर्मू शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर है । गांव में तिब्बती शैली के दो मंजिला मकान कतारों में खड़े नजर आते हैं । मकान की छत पर तिब्बती बौद्ध धर्म का सूत्र झंडा हवा में फहराता है । गांव का मार्ग बहुत विशाल है और मैदान में तिब्बती जाति की पौशाक पहने चरवाहों के बच्चे आनंद के साथ खेलते हुए दिखाई पड़ते हैं । छांगच्यांगय्वान पारिस्थितिकी गांव के जिम्मेदार व्यक्ति सुश्री चांग श्याओवन ने कहा:

"हमारे गांव में रहने वाले चरवाहे आम तौर पर सरकार के आह्वान पर स्वेच्छा से यहां स्थानांतरित हुए हैं। उन के पास पशु नहीं है या कम पशु हैं । हम चरवाहों को पहले के पशुपालन से दूसरे व तीसरे उद्योग तक बदलने के लिए प्रोत्साहन देते हैं । वे अपनी जातीय विशेषता वाले पर्यटन उद्योग के विकास से आय प्राप्त करते हैं ।"

पठार से स्थानांतरित होने वाले तिब्बती चरवाहों के लिए आवास स्थान बदलने का मतलब उन के जीवन पर्यावरण और तौर-तरीकों का पूरी तरह परिवर्तन होना है । घास मैदान से शहर आना, घुमंतू जीवन से निवासी जीवन में बदलाव और उत्पादन, जीवन तरीकों के बड़े परिवर्तन के सामने तिब्बती चरवाहों के सामने अनेक कठिनाइयां मौजूद हैं । पहले वे पशु पालते थे, लेकिन आज का जीवन उन के लिए बिलकुल नया है। यहां तक कि शुरू-शुरू में कुछ चरवाहे चूल्हे का प्रयोग नहीं कर पाते थे।

चीन सरकार और समाज के विभिन्न जगतों ने तिब्बती चरवाहों की भारी सहायता की है । उन्होंने चरवाहों के लिए रिहायशी मकानों का निर्माण किया । तिब्बती बंधु निमा का छांगच्यांगय्वान में नए मकान का क्षेत्रफल 35 हैक्टर है, जिस में 128 रिहायशी मकानों का निर्माण किया गया । यहां स्थानातरित हुए हर परिवार के चरवाहों को 60 वर्गमीटर से बड़ा मकान उपलब्ध करवाया गया है । इस के साथ ही स्थानीय सरकार ने तिब्बती चरवाहों के लिए स्कूल व अस्पताल का निर्माण भी किया है और हर परिवार के चरवाहे को आर्थिक भत्ता भी दिया है । तिब्बती चरवाहों को विभिन्न क्षेत्रों में समाज से संपर्क करने और अपनी शक्ति पर निर्भर रहकर नया जीवन बिताने में मदद देने के लिए स्थानीय सरकार ने उन्हें तकनीकी प्रशिक्षण दिया है । तिब्बती बंधु निमा चालक का प्रशिक्षण लेकर एक चालक बन गया है । इस की चर्चा में तिब्बती बंधु निमा ने कहा:

"मैं अपनी गाड़ी चलाकर परिवहन का काम करता हूँ । गत वर्ष ही मैंने गाड़ी चलाना सीखा था और एक गाड़ी खरीद कर परिवहन के लिए मैं गर्मू से थोथोहः तक आता-जाता हूँ । इस के अलावा मेरे घर में एक लांगमा नृत्यगृह खुला है । एक साल में मैं तीस हज़ार य्वान से ज्यादा आय प्राप्त करता हुँ ।"

इस लेख का दूसरा भाग अगली बार प्रस्तुत होगा, कृप्या इसे पढ़े ।

(श्याओ थांग)