चीनी अखबार जन दैनिक से मिली खबर के अनुसार, फ्रांस के पेरिस छठे विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रिचार्ड कोनोर ने हाल में चीनी विज्ञान अकादमी के अकादमिशन, नान खेई विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ग मोलीन के नाम पत्र भेजकर तिब्बती स्वाधीनता तत्वों के ऑलिंपिक मशाल रिले को भंग करने की सुनियोजित कार्यवाई की कड़ी निंदा की।
प्रोफेसर रिचार्ड कोनोर ने अपने पत्र में कहा कि वे हाल में लंदन और पेरिस में चीन और ऑलिंपिक गतिविधि का विरोध करने वाले लोगों के प्रति बहुत क्रोद्धित हैं। उन्होंने कहा कि तिब्बती स्वाधीनता तत्वों द्वारा ऑलिंपिक मशाल रिले को भंग करने की कार्यवाई हिंसक कार्यवाई है, ऑलिंपिक का विरोध करने का मतलब है सभ्यता, संस्कृति और नैतिकता का विरोध करना ।
पत्र के अंत में उन्होंने कहा कि मैं गारंटी दूंगा कि अधिकांश फ्रांसिसी जनता उन के साथ नहीं खड़ेगी। उन की शुभकामना है कि 2008 पेइचिंग ऑलिंपिक में भारी सफलता प्राप्त होगी।(श्याओयांग)