2008-04-11 18:32:49

ल्हासा हिंसा में फंसा संवाददाता

26वर्षीय लोंग हाओ ल्हासा इवनिंग अखबार के संवाददाता है ।14 मार्च को वह रिपोर्टिंग के लिए दंगे में फंस गए ।उन्होंने कहा कि उस दिन का अनुभव वह कभी भी भूल नहीं सकते ।

ल्हासा इवनिंग अखबार थो सिन ग मार्ग पर स्थित है ।उस दिन दोपहर को लोंग हाओ वहां से पेइचिंग पूर्व मार्ग से होता हुआ शहर के केंद्र स्थित जोखांग मठ चला गया ।थो सिन ग मार्ग पर लोंग हाओ ने जल रही कई गाडियां देखीं । पेइचिंग पूर्व मार्ग के दोनों किनारों पर स्थित सभी दुकानों को आग लगा दी गयी थी और कुछ उपद्रवी बेगुनाह लोगों पर पथराव कर रहे थे ।जब लोंग हाओ जोखांग मठ चौक के पास पहुचा ,तो सशस्त्र पुलिस ने वहां सील कर दिया था और अंदर नहीं जाया जा सकता था ।पागल हुए उपद्रवी सशस्त्रपुलिस के जवानों पर पथराव कर रहे थे । लेकिन जवानों ने जवाबी हमला नहीं किया ।बहुत जवान घायल हो गये।इस वक्त अखबार के जिम्मेदार व्यक्ति ने उसे फोन कर वापस लौटने का आदेश दिया।वापसी के रास्ते पर लोंग हाओ ने दंगे के भयानक दृश्यों के फोटो खींचे।जब वह अखबार के आफिस से कोई सौ मीटर दूर था ,तो कई उपद्रवी तलवार उठाते हुए उस पर हमला करने दौड़े ।वह फौरन दौडने लगा ।रास्ते में एक अस्पताल पड़ता है ।वह तेजी से इस के अंदर घुस गया और इमारत के ऊपर के एक अंधेरे कोने में छिप गया ।उस का पीछा करने वाले उपद्रवी भी अस्पलात में घुस गये और जोर से चिल्लाने लगे । तुम क्या कर रहे ,यह अस्पताल है ,एक महिला ने कहा ।फिर तिब्बती भाषा में एक दूसरे को डांटने की आवाजें आयीं ।कोने में छिपा लोंग हाओ बहुत डर रहा था ।उसे याद है कि उस समय उस की टांगें ठिठुर रहीं थीं ।पता नहीं कितना समय बीता ।चारों तरफ शांति हुई । अचानक चीनी भाषा में एक महिला बोलने लगी ,ऊपर कोई आदमी है ।लोंग हाओ ने नीचे देखा तो वह अस्पताल की नर्स थी ।अभी उपद्रवियों को डांटने वाली महिला वही थी ।

इस विशेष रिपोर्टिंग के अनुभव की याद करते हुए लोंग हाओ ने बताया कि उसे कोई पछतावा नहीं है और एक संवाददाता होने पर गर्व है।