2008-04-08 16:51:55

हान जाति और तिब्बती जाति के समान विकास के ऐतिहासिक सबूत हैं कुकूंग महल

चीनी राजधानी पेइचिंग में स्थित कुकूंग संग्रहालय के सांस्कृतिक अवशेष विशेषज्ञ श्री वांग च्या फंग ने 7 तारीख को कहा कि कुकूंग महल में संरक्षित तिब्बत संबंधी अवशेषों से न सिर्फ प्राचीन काल में तिब्बत और केंद्रीय शासन के बीच घनिष्ठ संबंधों का पता चलता है , बल्कि तिब्बत के हमेशा से चीन के अखंडनीय भाग होने के तथ्यात्मक सबूत भी हासिल किए गए हैं ।

श्री वांग ने कहा कि कुकूंग महल में तिब्बती जाति की बहुत सी कलात्मक रचनाएं संरक्षित हैं। इन के सिवा कुकूंग में संरक्षित एक हजार से अधिक थांका चित्रों में हान जाति और तिब्बती जाति के बीच आदान-प्रदान का पुराना इतिहास उल्लिखित है ।

इस विशेषज्ञ ने कहा कि 13वीं शताब्दी में तिब्बत को औपचारिक तौर पर तत्कालीन चीनी राज्य यानी य्वान राजवंश में शामिल कराया गया था । तब से अभी तक के सात सौ वर्षों में तिब्बत हमेशा केंद्र सरकार द्वारा शासित होता रहा है । छिंग राजवंश के दौरान हान जाति और तिब्बती जाति के बीच संबंध अत्यंत घनिष्ठ बने । पांचवें और 13वें दलाई लामा तथा छठवें पंचन लामा सब छिंग राजवंश के महाराजाओं की हाज़िरी करने पेइचिंग आए थे ।