2008-04-07 16:47:07

तिब्बत की ल्हासा घटना और दलाई लामा पर विभिन्न देशों के इंटरनेटजनों और श्रोताओं की समीक्षा

इधर के दिनों में सी .आर.आई आन लाइन ने 39 विदेशी भाषाओं में तिब्बत की ल्हासा घटना के बारे में रिपोर्टें दीं , जिस पर विश्व के विभिन्न देशों के इंटरनेटजनों की तीव्र प्रतिक्रियाएं हुईं । उन्हों ने वेबसाइट पर जवाबी लेटर व पत्राचार से या तार भेज कर अपनी रायें बतायीं । निम्न सामग्रियों में कुछ इंटरनेट जनों के विचार प्रस्तुत हैं ।

इटाली के इंटरनेटजन श्री जिउसेप्पे कभी ल्हासा गए थे । उन्हों ने कहाः 2007 में मैं तिब्बत गया था , वहां लोग बड़े अमनचैन से जीवन बिताते हैं और उन के जीवन स्तर में भी लगातार उन्नति हो रही है । मैं कुल तीन बार तिब्बत गया । मैं ने देखा था कि वहां सड़कें अच्छी से अच्छी बनायी गयीं और शहर सुन्दर से सुन्दर होते गए । मुझे बड़ी दुख है कि इस बार तिब्बत में मारपीट , तोड़फोड़ , लूटखसोट और आगजनी की घटना ने वहां की शांति और स्थिरता को भंग कर दिया । मैं जबरदस्त रूप से आम नागरिकों के खिलाफ हिंसक कार्यवाही करने का विरोध करता हूं । मेरी उम्मीद है कि मैं फिर से तिब्बत जाऊंगा और आशा करता हूं कि तिब्बत में पुनः अमनचैन और खुशहाली पैदा होगी।

जर्मनी के इंटरनेट सिटीजन श्री बेर्नड कोल्कविज ने सी .आर.आई आन लाइन की जर्मन भाषी वेबसाइट के नाम भेजे पत्र में कहा कि मुझे बड़ी खेद हुई है कि जर्मनी में दुरंगे लोग मौजूद हैं । प्रकट में वे चीन लोक गणराज्य की प्रादेशिक अखंडता को मान्यता देते हैं , लेकिन घर लौट कर बिलकुल विपरीत नीति अपनाते हैं । बहुत सी जर्मन मीडिया संस्थाओं ने इन दिनों तिब्बत में हुई घटना का बेजा फायदा उठा कर चीन के खिलाफ समाजवाद विरोधी उत्तेजनात्मक हरकत की और इस घटना के बहाने पेइचिंग ओलिंपिक का बहिष्कार करने के लिए भड़काने की नाकाम कोशिश की ।

ली नाम के एक जर्मन इंटरनेट सिटीजन ने वेबसाइट पर अपने लेटर में कहा कि इन दिनों , जर्मनी टीवी की न्यूज चैनल ( एन-टीवी ) , जर्मन टीवी एक ( एआरडी ) , जर्मन टीवी दो ( जे डी एफ) , डेर स्पीगले सहित जर्मन मीडिया ने ल्हासा हिंसा घटना के बारे में तथ्यों को तोड़ फोड़ कर पेश किया और बेशरमी के साथ झूठ बोला । अगर उन की यह झूठ बोलने की हरकत 50 साल से पहले हुई होती , तो शायद किसी का ध्यान इस पर नहीं चला , लेकिन वर्तमान युग में वे अवश्य अपनी झूठी बातों पर पश्चापात करेंगे । मेरी आशा है कि अधिक से अधिक लोग सी .आर.आई आन्लाइन की रिपोर्टें पढ़ सकेंगे ।

जर्मन श्रोता श्री एल.मिरको एल ने अपने पत्र में कहा कि हाल के दिनों में चीन के तिब्बत क्षेत्र की घटने पर व्यापक ध्यानाकर्षण हुआ। मेरे विचार में यह विदेशी गुप्तचर संस्थाओं और शक्तियों की सुनियोजित साजिश है । उन का मकसद ओलिंपिक साल में चीन में राजनीतिक उपद्रव खड़ा करना और चीन को अन्तरराष्ट्रीय जगत में अलगाव में डालना है। मेरी आशा है कि चीन सरकार जल्दी ही स्थिति पर नियंत्रण रखेगा और चीन को अव्यस्थित करने की साम्राज्यवाद की कुआकांक्षी को धूल में मिटा देगा ।

जर्मन श्रोता श्री हेलमुट .माट्टा ने अपने ईमैल में कहा कि शुरू में ही मुझे लगा था कि यह घटना जरूर कुछ बदनीयती वालों द्वारा जल्दी आने वाले पेइचिंग ओलिंपिक के खिलाफ अपनायी गयी एक चाल है । मात्र इस घटना के बारे में फैलाई गयी अफवाहों और तरह तरह की झूठी रिपोर्टों तथा खबरों के तेज प्रसार से ही जाहिर है कि इस हिंसा घटना के पीछे सूत्रपात करने वाल लोगों की योजना कितनी सुनियोजित हुई थी । जर्मनी और विश्व के अन्य कुछ स्थानों के कुछ लोग चीन का विरोध करते हैं और तथाकथिक स्वतंत्र तिब्बत का समर्थन करते हैं । लेकिन तथाकथित स्वतंत्र तिब्बत का अखिरकार कौन सा स्वरूप होगा , इसे कोई साफ साफ नहीं जानता । और तो और , मौजूदा तिब्बत घटना में कोई भी अच्छी पहलु नहीं दिखाई पड़ी है , असल में बहुत से चीनी लोग हिंसा में घायल हुए , यहां तक कि मारे भी गए । इस पर विश्व के वे अंधे लोग गौर नहीं करते । मैं ने सी सी टी वी की चैनल चार की रिपोर्ट देखी, वहां पांच महिलाएं गुंडाओं द्वारा जिन्दा जला कर मारी गयीं , इस पर मुझे अत्याधिक हैरात हुई और सदमा पहुंचा । हमारे जर्मनी में ऐसे लोग ज्यादा है , जो यह जानता हो कि चीन में तिब्बती जनता को कितना ज्यादा स्वाशासन के अधिकार प्राप्त हो चुके हैं । मुझे विश्वास है कि वे विभाजन परस्त शक्तियों की तिब्बत को चीन से अलग करने की साजिश को अवश्य ही चीन और तिब्बत में रहने वाले लोग चकनाचूर कर दें । मेरी आशा है कि चीन सरकार जल्द ही स्थिति को नियंत्रण में रख देगी , ताकि तिब्बत में जनता पहले की ही तरह रह सकें और अपनी जान के खतरे पर चिंतित न रहें । मेरी यह भी आशा है कि जर्मनी की मीडिया अपनी रिपोर्टों को नए सिरे से समन्वित करेगी । मीडिया से मुझे बराबर यह अप्रिय महसूस हुआ कि झूठी रिपोर्ट हमेशा शीघ्रातिशीघ्र प्रकाशित की जाती है और झूठ मानने की घोषणा हमेशा धीमी गति और दबी आवाज में होती है । मुझे बड़ा रोष महसूस हुआ कि इस घटना के बहाने पेइचिंग ओलिंपिक का बहिष्कार करने की अपील की जा रही है ।

स्पेन के बार्सेलोना के श्रोता श्री जोएकुन ने अपने ईमैल में कहा कि छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग के सफल निर्माण से जाहिर है कि तिब्बत के आर्थिक विकास और जन जीवन के स्तर में कितनी उल्लेखनीय प्रगति हुई है । यह सब सरकार की नीतिगत मदद तथा समूची चीनी जनता के समर्थन से अलग नहीं किया जा सकता है । इसलिए तिब्ब्त को चीन से अलग करने की किसी भी कुचेष्टा को जन समर्थन नहीं मिल पायेगा।

इटाली के श्रोता श्री जिओर्डानो ने तेलीफोन करके ल्हासा में हुई हिंसक घटना की कड़ी निन्दा की । उन्हों ने कहा कि वे चीन सरकार के घटना निपटारे के तरीके का दृढ़ समर्थन करते हैं ।

चेक के श्रोता श्री जिनडरिच टॉमिसेक ने सी .आर. आई आन्लाइन के नाम ईमैल में कहा कि मुझे बड़ी दुख और परेशानी हुई है कि ल्हासा और अन्य कुछ जगहों में चंद कुछ लोगों ने अपनी कुचेष्टा से प्रेरित हो कर तोड़फोड़ की कार्रवाइयां कीं । मेरी हार्दिक कामना है कि इस दुखत घटना से पेइचिंग ओलिंपिक की मशाल रिले और अन्य तैयारी कामों पर असर नहीं पड़े । मेरी तहेदिल्ली कामना है कि पेइचिंग ओलिंपिक की तैयारी सुभीता से चले और पेइचिंग ओलिंपिक पूरी तरह सफल हो ।

मरोक्को के श्रोता सुश्री हेलेन ने सी .आर.आई आन्लाइन की फ्रांसीसी भाषी वेबसाइट को भेजे ईमैल में कहा कि अभी हाल में हुई तिब्बत हिंसा घटना को पेइचिंग ओलिंपिक के साथ जोड़ देने की कोशिश सरासर बेहुदा और हास्यास्पद है । ओलिंपिक शक्ति और सौंदर्य की प्रतियोगिता है , न कि राजनीतिक अभिनय का रंग मंच । इसलिए कुछ मीडिया ने तिब्बत में हुई हिंसा घटना को ओलिंपिक के साथ जोड़ने की जो कोशिश की है , वह एकदम गलत है । उन की हार्दिक कामना है कि पेइचिंग ओलिंपिक में भारी सफलता मिले ।

अर्जेटीना के श्रोता श्री रिकार्डो .हुएरटा ने दो बार चीन की यात्रा की थी । उन्हों ने 22 मार्च को सी .आर .आई आन्लाइन की स्पेनिश भाषी वेबसाइट पर संदेश लिख कर कहा कि आप लोगों ने ल्हासा हिंसा के बारे में जो विशेष स्तंभ खोला और समय रहते ही रिपोर्ट दी , वह समायानुकल और विस्तृत है । मुझे तिब्बत स्वतंत्रता परस्त लोगों द्वारा तिब्बत को चीन लोक गणराज्य से अलग करने की कोशिश पर बड़ा रोष महसूस हुआ है । तथ्यों और अन्तरराष्ट्रीय समाज की प्रतिक्रियाओं से जाहिर है कि बदनीयती रखने तथा अन्तरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने वाला उपद्रव निश्चय ही नाकामयाब रहेगा ।

अर्जेंटीना के इंटरनेट जन लीकाडो ने कहा कि उन्हों ने दो बार चीन की यात्रा की थी , उन की आंखों देखी स्थिति से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कुछ लोगों ने तिब्बत सवाल को लेकर चीन की स्थिति के बारे में जो रिपोर्टे दीं , वे बिलकुल निराधार और तथ्यों के विपरित हैं ।

ब्राजील के श्रोता श्री रूबेनस .पेड्रोसो ने अपने पत्र में कहा कि मुझे अपनी आंखों पर विश्वास हो गया है कि दलाई लामा ने सामाजिक व्यवस्था की अवहेलना कर बेगुनाहों की हत्या करने की हिंसा की . इस से पहले मैं समझता था कि वे दुयालु और न्यायप्रिय थे , लेकिन इस घटना से मेरा यह अनुभव बिलकुल बदल गया । मेरे विचार में चीन सरकार ने समय पर और उचित ढंग से इस घटना का निपटारा किया है । मेरी आशा है कि दलाई लामा इस घटना की गंभीरता और अपनी गलती समझ सकेंगे और इस दुखांत घटने को समाप्त करेंगे ।

कोलंबिया के श्रोता जोहन . फरेडी ने 23 मार्च को वेबसाइट पर अपना शब्द लिख कर कहा कि मुझे ल्हासा में हुए उपद्रव पर खेद महसूस हुई । मुझे दुख है कि तिब्बत स्वतंत्रता परस्त लोगों की हिंसा कार्यवाहियों से चीन को नुकसान पहुंचा है । मेरी आशा है कि चीन का विभाजन नहीं होगा ।

उरुगाय के श्रोता श्री माकाडो ने 18 मार्च को यानी चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के वार्षिक सम्मेलन की समाप्ति के दिन हमें पत्र भेजकर तिब्बत में हुई हिंसक घटनाओं की निन्दा की । उन्हों ने अपने पत्र में कहा कि दीर्घकाल तक चाइना रेडियो इंटरनेशनल का प्रसारण सुनने वाले श्रोता होने के नाते मैं अफवाहों व धोखेबाज़ी के चक्कर में नहीं आऊंगा । हम नहीं भूलेंगे कि तिब्बत चीन की पवित्र प्रादेशिक भूमि का भाग होता है , और शांतिपूर्ण मुक्ति से पहले वहां की जनता कैसे जीवन बिताते थे । हम भी जानते हैं कि भूदास प्रथा के युग में भूदासों का बुनियादी अधिकार और स्वतंत्रता जरा भी नहीं थे , जबकि उन के मालिक कितना विलासी जीवन बिताते थे । तिब्बत के भूदास युग में तिब्बत का आर्थिक व सांस्कृतिक विकास अत्यन्त पिछड़ा हुआ था , समाज में वर्ग श्रेणी कितनी कड़ी लागू होती थी और आम तिब्बती लोग निरक्षर थे । आज चीनी केंद्रीय सरकार और देश के दूसरे क्षेत्रों की जनता के समर्थन में तिब्बती जनता स्वशासन की व्यवस्था में पशुपालन , कृषि और पर्यटन का विकास कर रही है । तिब्बत में युवा कालेज़ में पढ़ रहे हैं और तिब्बती जनका के धर्म , संस्कृति और रीति-रिवाज़ों का भी सब से अधिक हद तक सम्मान किया जा रहा है । हम देख पाते हैं कि चीन की राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा में तिब्बती प्रतिनिधि देश की दूसरी जातियों के प्रतिनिधियों की ही तरह अपनी रायें पेश करते हैं , यह बात पुराने युग में लिलकुल असंभव थी ।

निकरागुआ के श्रोता श्री गेरारडो ने 27 मार्च को ई-मेल से हमें चिट्ठी भेजकर कड़े शब्दों से दलाई लामा की आलोचना की । उन्हों ने कहा कि ल्हासा में हुई हिंसक घटनाओं से दलाई लामा के शांतिप्रिय बखां का बिल्कुल भंडाफोड़ किया गया है । वास्तव में 14 मार्च घटना में शरीक होने वाले लोग तिब्बत को अमेरिका का एक स्टेट बनाना चाहते हैं । लेकिन खेदजनक बात है कि मेरे देश में ल्हासा घटना के प्रति झूठी रिपोर्टें दी जा रही हैं । विश्व में हमेशा ऐसे आदमी रहते हैं जो अपने देश की समृद्धि के लिए नहीं , बल्कि उसे बर्बाद करने की कोशिश करते हैं । वे इसी घटना के जरिये ही पेइचिंग ओलंपियाड का बहिष्कार करना चाहते हैं ।

ब्राजील के श्रोता श्री सैनटोस ने कहा कि 14 मार्च को ल्हासा में हुई हिंसक घटना के प्रति मुझे बहुत खेद और क्रोध महसूस हुआ है । मेरी दृष्टि से दलाई लामा राजनीतिबाज और आतंकवादी जान पड़ते हैं । वे अपने लक्ष्य को साकार करने के लिए उग्रवादी तरीके अपनाते हैं । ल्हासा की हिंसक घटना में अनेक बेगुनाह व्यक्ति अपनी जान से हाथ धो बैठे । समाज की सुस्थिरता को भी बर्बाद किया गया है , और विश्व के दायरे में चीन के खिलाफ कुप्रभाव पैदा किया गया । इन से यह जाहिर है कि दलाई लामा गलत तरीके से चीनी केंद्रीय सरकार का मुकाबला कर रहे हैं । लेकिन मुझे पक्का विश्वास है कि अंत में यह गड़बड़ी अवश्य खत्म हो जाएगी , चीन सरकार अवश्य ही मौजूदा सवालों को अच्छी तरह निपटाएगी , और आगामी अगस्त के ओलंपियाड का सुभीते से आयोजन किया जा सकेगा ।

ब्राजील के श्रोता श्री काइटानो ने कहा कि 14 मार्च को ल्हासा में हुई हिंसक घटना से दलाई गुट की चीन को विभाजित करने की साजिश साबित की गयी है । मैं इस सवाल के समाधान के लिए चीन सरकार द्वारा अपनाये गये रुखों का पूर्ण समर्थन करता हूं । तिब्बत प्राचीन काल से ही चीन का अखंडनीय भाग रहता है । यह सर्वविदित है और हमेशा के लिए अबदलनीय है ।

एशिया के श्रोताओं ने कहा कि हम शर्मनाक हिंसक कार्यवाही से नहीं , पर ओलंपिक प्रतिस्पर्द्धाओं से खुशी का मेज़ा लेना चाहते हैं

भारत के उत्तर प्रदेश के श्रोता श्री आनंद मोहन ने सी आर आई के उद्योषकों के साथ फोन में बातचीत करते समय कहा कि मैं तिब्बत में हुई हिंसक घटना के प्रति आश्चर्यजनक रहा । आप की वेब साइट से मुझे यह जानकारी प्राप्त है कि चीन के रुपांतर व खुलेपन से तिब्बती जनता को भारी लाभ मिला है । जन जीवन का कदम ब कदम सुधार किया जा रहा है । नव निर्मित छींगहाई-तिब्बत रेल मार्ग तिब्बत और चीन के शेष क्षेत्रों के बीच आवाजाही का पुल बना है । अधिकाधिक लोग इसी मार्ग से सुन्दर और रहस्यमय तिब्बत जाते हैं । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश हमारे देश से जुड़ा है , वहां की शांति व सुस्थिरता का भारत की शांति व विकास पर भी प्रभाव होता है । मैं तिब्बत में हुई हिंसक घटना की निन्दा करता हूं , और ऐसी घटना फिर घटिन न होने की प्रतीक्षा करता हूं ।

नेपाल में वेब साइट की स्थिति अच्छी न होने के बावजूद कुछ श्रोताओं ने वेबसाइट के जरिये सी आर आई के नेपाली विभाग को मेसेज भेजकर दलाई गुट द्वारा तिब्बत की समृद्धि को भंग करने के लिए की गयी हिंसक कार्यवाहियों के विरूद्ध क्रोध प्रकट किया और चीन के एकीकरण का डटकर समर्थन प्रकट किया ।

तुर्की के श्रोता श्री ओजा़र ने सी आर आई की वेब साइट पर मेसेज़ लिखकर कहा कि आप की वेब साइट से मुझे ल्हासा में हुई हिंसक घटना की सच्चाइयों का पता चला है । अपराधिक व्यक्तियों ने तिब्बत के दीर्घकाल तक बनाये रखने वाली शांति को तोड़ दिया , जिससे मुझे बहुत दुख है । मैं चीन सरकार द्वारा अपनाये गये कदमों का समर्थन करता हूं । तिब्बत में जो हिंसक घटना घटित हुई , वह कोई अकारण बात नहीं , बल्कि कुछ अपराधिक व्यक्तियों द्वारा सुनियोजित तौर पर की गयी । मैं और मेरे दोस्त हमेशा पेइचिंग ओलंपियाड की प्रतीक्षा कर रहे हैं , हम टीवी से शर्मनाक हिंसक कार्यवाही की नहीं , पर ओलंपिक प्रतिस्पर्द्धाओं से खुशी का मेज़ा लेना चाहते हैं ।

अफगानिस्तान के श्रोता श्री राहमान ने सी आर आई की वेब साइट में मेसेज़ लिखकर कहा कि मुझे पता नहीं है कि क्यों कुछ व्यक्तियों ने तिब्बत सवाल को पेइचिंग ओलंपियाड के साथ जोड़ने का प्रयास किया। मुझे पक्का विश्वास है कि चीन ओलंपियाड का सफलतापूर्ण आयोजन करने में समर्थ है । मैं अवश्य ही पेइचिंग ओलंपियाड की प्रतिस्पर्द्धाओं का दर्शन करूंगा । दूसरे श्रोता श्री मानडूशर ने हमारे उद्योषिकों के साथ टेलिफोन करते हुए कहा कि आप के वेब साइट और ब्रोडकास्टिंग के जरिये मैं ने ल्हासा घटना की सच्चाइयों की जानकारी प्राप्त की है । मैं सिर्फ यह बताना चाहता हूं कि तिब्बत चीन का एक भाग है , इस बात पर कोई संदेह नहीं है । आप मेहनती से काम करें , मैं घटना के विकास पर हमेशा ध्यान रखूंगा ।

मरोक्को के श्रोता श्री इद्रिस बुवादिंग ने सी.आर.आई आन्लाइन की अरबी भाषा वेबसाइट को ई-मेल भेज कर कहा कि चीन एक प्राचीन इतिहास व संस्कृति वाला देश है । ऑलंपिक खेल समारोह का चीन के लिए भारी महत्व होता है । अब विश्व की नज़र पेइचिंग पर केंद्रित हुई । हम पेइचिंग ऑलंपिक खेल समारोह के सुभीता से शुरू होने की प्रतिक्षा में हैं । हमारा विचार है कि ऑलंपियाड सारी दुनिया का शानदार समारोह है । ऑलंपियाड को क्षति पहुंचाने वाली हरकत सारी दुनिया के खिलाफ संघर्ष करने की हरकत ही नहीं, चीन को प्यार करने वाले व्यक्तियों का दुश्मन भी है । खुशी की बात है कि ल्हासा में हुए उपद्रोव चीन सरकार और स्थानीय सरकार की समान कोशिशों के जरिए समाप्त किया गया और वहां की स्थिति शांत हो गयी है ।

श्री इद्रिस ने कहा कि हमारा देश धार्मिक विश्वास रखने वाला देश है, हमारा विश्वास पवित्र है । सामाजिक सामंज्सय, देश की स्थिरता और विश्व की शांति के लिए हमें समान कोशिश करना चाहिए ।

अल्जीरियाई श्रोता बेन अमीर एइद ने अपने पत्र में कहा कि हमें दुख है कि तिब्बत की राजधानी ल्हासा में तोड़फोड़, लूटमार और आगजनी वाली हिंसक घटना घटित हुई । विदेशी अलगाववादी शक्तियों ने जान बूझकर इसे उकसाया था । उन की कुचेष्टा है कि इस घटना के जरिए चीन को बदनाम किया जाए । वर्ष 2008 ऑलंपिक आने वाला है, चीन और किसी भी देश को उचित तरीका अपनाकर देश की स्थिरता को क्षति पहुंचाये जाने वाले उपद्रव एवं हिंसक घटना से निपटने का अधिकार है । यह इस देश का अंदरूनी मामला है और किसी भी दूसरे देश को इस में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है ।

नाइजीरियाई श्रोता साल्लसु ने सी.आर.आई. ऑन लाइन को ई-मेल भेज कर कहा कि इधर के दिनों में मैं हर रोज़ आप की वेबसाइट देखता हूँ । आप की रिपोर्टों से मुझे इस घटना की असलियत मालूम हुई है । मेरा यह कहना है कि तिब्बत सवाल चीन का अंदरूनी मामला है । मैं इस घटने के निपटारे के लिए चीन सरकार के रूख और उठाए गए कदमों का समर्थन करता हूँ और तिब्बत स्वाल का प्रयोग कर चीन के अंदरूनी मामलों में हस्ताक्षप करने वाले पश्चिमी देशों व मीडिया संस्थाओं का विरोध करता हूँ और तिब्बत सवाल को पेइचिंग ऑलंपिक समारोह के साथ जोड़ने का विरोध भी करता हूँ ।

तान्ज़ानियाई श्रोता फ़ाधिली किपेने ने सी. आर.आई. ऑन लाइन को ई-मेल भेज कर कहा कि मैं ने सी.आर.आई के स्वाहिलि भाषा विभाग के कार्यक्रमों को सुन कर हाल में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में हुई हिंसक घटना की जानकारी ले ली है । मुझे विश्वास है कि इन अपराधिक गतिविधियों को जनता का समर्थन नहीं प्राप्त होगा और जरूर विफल ही रहेंगी । मेरा विचार है कि ये गतिविधियां दलाई ग्रुप द्वारा रची गई हैं और साथ ही उन्हें कुछ पश्चिमी देशों का समर्थन भी मिला । मैं ने वाइस ऑफ़ अमरीका के अधीन एक पत्रिका में एक लेख को पढ़ा, जिस में तथाकथित"तिब्बत सवाल"की चर्चा करते हुए कहा कि वे तिब्बत की स्वाधीनता परस्त वालों द्वारा एक अवैध सरकार की स्थापना का समर्थन करते हैं । मेरा ख्याल है कि मुट्ठी भर पश्चिमी व्यक्तियों ने जल्द ही आयोजित होने वाले पेइचिंग ऑलंपिक खेल समारोह के खिलाफ़ चंद कुछ तिब्बती व्यक्तियों का समर्थन किया । वे चीन के सुधार व खुलेपन तथा आर्थिक विकास से प्राप्त भारी उपलब्धियों को नष्ट करना चाहते हैं ।

तान्ज़ानियाई श्रोता मचन जेई. मचेना ने अपने ई-मेल में कहा कि आप मेरी ओर से हिंसक घटना में जानी माली क्षति लगी ल्हासा जनता को संवेदना दें । इस घटना को सुन कर मुझे बड़ी दुख हुई । क्योंकि यह सारे मानव जाति की क्षति है । पश्चिमी मीडिया संस्थाओं ने इस घटना को भड़काया । दलाई गुट ने चीन से बाहर निष्कासित हुआ, उन्होंने ल्हासा की मौजूदा घटना रची । कुछ लोग दलाई गुट के पैसे लेकर उस का साधन बन गये । चीनी नेता और चीनी जनता को एकजुट होकर दृढ होना चाहिए, ल्हासा की स्थिति को अपने काबू में ले जाना चाहिए । क्योंकि वास्तव में ऐसे कुछ लोग मौजूद है, जिन्हें आशा नहीं है कि चीन स्थिर व सामंजस्यपूर्ण वातावरण में ऑलंपिक खेल समारोह का आयोजन करेगा। मेरी आशा है कि चीनी जनता ऑलंपिक के तैयारी कार्य को अच्छी तरह करेगी और हमारे समान दुश्मन को जबड़ा तोड़ जवाब देगी ।