2008-04-05 17:23:00

ल्हासा के शहर वासी प्यार से हिंसक घटना के घाव को भरने में संलग्न

ल्हासा शहर में वसंत के आगमन के साथ साथ चारों तरफ खिले हुए फूल नजर आ रहे हैं । शहर में बसी विभिन्न जातियों की जनता 14 मार्च मारपीट , लूटपाट और आग्नि कांड जैसी गम्भीर हिंसक घटनाओं द्वारा छोड़े गये खंडहरों की सफाई करने और सच्चे प्यार से घाव को भरने में लगी हुई है ।

29 मार्च को ल्हासा शहर में शुरू जीवन के पुनः निर्माण के लिये समान कार्यवाही नामक चंदा अभियान में विभिन्न जातियों व विभिन्न जगतों के लोगों ने सक्रिय रूप से भाग लिया है और हिंसक घटना के शिकारों को सहायता दी है ।

14 मार्च घटना में तिब्बती डाँक्टर लोसांगत्सरंग ने बदमाशों की मारपीट की परवाह न कर हान जातीय बच्चे को बचाने के लिये जो साहस दिखाया है , उस से समूचा ल्हासा शहर प्रभावित हुआ है । इधर दिनों में लोसांगत्सरंग को सांत्वना देने के लिये वार्ड जाने वाली लोगों की भीड़ लगी रहती है और उन्हें भेंट किये गये ताजे फूलों से खचाखच भरा हुआ है ।

14 मार्च घटना में हुए आग्निकांड में मरीं यी छुन वस्त्र दुकान की पांच लड़कियों का अंतिम संस्कार तीन अप्रैल को हुआ । इस से पहले प्रतिदिन तिब्बत और देश के अन्य क्षेत्रों से आये बहुत से जन समुदाय ने इसी दुकान के सामने उन के प्रति शोक प्रकट किया ।

तिब्बत विश्वविद्यालय के अध्यापक टाशी ने कहा कि पांच लड़कियों की मृत्य से ल्हासा वासियों ने दलाई गुट की विभाजित असली असलियत समझ ली है । 14 मार्च घटना के घाव को भरने के जरिये हम तिब्बत की विभिन्न जातियों के बीच एकता को और अधिक मजबूत बना देंगे ।