इस लेख में कहा गया है कि दलाई गुट ने चीनी सैनिकों के हाथों में भिक्षुओं के चोगे वाला एक फोटो प्रस्तुत किया और कहा कि चीनी सैनिकों ने भिक्षुओं के वेश में ल्हासा हिंसक घटना में भाग लिया। लेकिन वास्तव में यह फोटो वर्ष 2003 में खींचा गया था । और फोटो में चीनी सैनिकों ने एक सांस्कृतिक अभिनय में भाग लेने के लिए चोगा हाथ में लिया हुआ है ।
चीनी तिब्बती विद्या अनुसंधान केंद्र के अनुसंधानकर्ता श्री ल्यान श्यांग मिन ने पृथ्वी टाइम्स के संवाददाता से कहा कि पश्चिमी लोकमत सच्चे तिब्बत का सामना नहीं करना चाहता है । क्योंकि दलाई लामा के झूठ से पश्चिम के हितों पर कोई नुकसान नहीं पड़ेगा , जबकि दलाई गुट का इस्तेमाल करके चीन के तेज़ विकास में बाधा पैदा की जा सकेगी ।