श्री वू हो फिंग ने कहा कि इससे पूर्ण रूप से साबित होता है कि 14 मार्च ल्हासा हिंसक घटना दलाई गुट द्वारा सुनियोजित रुप से की गई थी, जिस का लक्ष्य है तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में समन्वित विनाशकारी कार्यवाही से ऑलंपिक खेल समारोह का बेजा फायदा उठाकर चीन सरकार पर दबाव डालना और देश का विभाजन करना।
उन्होंने कहा कि दलाईलामा यह दावा करते आये हैं कि शांति के तरीके से विचार किया जाना चाहिए। लेकिन तथ्यों से साबित है कि यह सिर्फ दलाईलामा व दलाई गुट की झूठी बात है।
श्री वू हो फिंग ने कहा कि ऑलंपिक खेल समारोह शांति का समर्थन करने और हमला व मुठभेड़ दूर करने का प्रचार करता है। लेकिन दलाईलामा के नेतृत्व वाली कथित तिब्बत की स्वाधीनता की विभाजन शक्ति ऑलंपियाड को राजनीतिकरण करने की कुचेष्टा कर रही है और पेइचिंग ऑलंपिक खेल समारोह को तिब्बत की स्वाधीनता अमल में लाने का अंतिम मौका मानती है। यह ऑलंपिक चार्टर की भावना का गंभीर उल्लंघन है। (ललिता)