चीनी सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय ने एक अप्रैल को पेइचिंग में आयोजित एक न्यूज ब्रीफिंग में 14 मार्च को तिब्बत के ल्हासा शहर में हुई हिंसक वारदात की पोल खोलने की नवीनतम स्थिति को सूचित कर दिया । सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ल्हासा पुलिस ने यह वारदात खड़ी करने वाले प्रमुख संदिग्ध अपराधी को गिरफ्तार कर लिया , इस व्यक्ति ने दलाई गुट के अमुक अधिकारी की प्रेरणा में जातीय विभाजित करने के अपराधपूर्ण तथ्यों को कबूल कर लिया है । वर्तमान में चीनी पुलिस को प्राप्त पर्याप्त सबूतों से साबित कर दिखाया गया है कि 14 मार्च वारदात दलाई गुट द्वारा संगठित तिब्बती जन विद्रोह आंदोलन की योजना का एक भाग है , उस का मकसद तिब्बत में तोड़फोड़ की कार्यवाहियों के जरिये चीन के लिये खतरा पैदा करना है ।
14 मार्च को कुछ बदमाशों ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा के प्रमुख रोडों पर मारपीट , लूटपाट और आग्निकांड खड़ा किया और जनसमुदाय को पीटा तथा दुकानों व सरकारी संस्थाओं में घुसकर कुत्सित हरकतें कीं । घटना की जांच पड़ताल से पता चला है कि बदमाशों ने उसी दिन तीन सौ से ज्यादा क्षेत्रों में आग लगायी और ल्हासा की एक हजार से अधिक दुकानों , स्कूलों , रिहायशी मकानों व बैंकों को नुकसान पहुंचा । इस के अलावा 18 बेगुनाह नागरिक इसी हिंसक वारदात में मर गये और अन्य 380 से ज्यादा लोग घायल हुए । तिब्बत की निभिन्न जातियों के मूल हितों की रक्षा के लिये तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की सरकार ने शीघ्र ही हिंसक घटना को शांत कर दिया । वर्तमान में चार प्रमुख आग्नि व हत्या कांडों की पोल खुल गयी है और प्रमुख संदिग्ध अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है ।
चीनी पुलिस को प्राप्त सबूतों के अनुसार यह गम्भीर हिंसक अपराधपूर्ण घटना दलाई गुट ने योजनाबद्ध रूप से रची है , उस के उकसावे में देश विदेश के तिब्बती स्वाधीनता करने वाली विभाजित शक्तियों ने साथ गांठ कर यह घटना खड़ी की है । चीनी सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ऊ हो फिंग ने 1 अप्रैल को न्यूज ब्रीफिंग में करीब सौ देशी विदेशी मीडियों को संकेत दिया है कि ल्हासा पुलिस द्वारा गिरफ्तार एक प्रमुख संदिग्ध अपराधी ने दलाई गुट के उकसावे में किये गये जुल्म को कबूल कर लिया है । उन का कहना है 15 मार्च से सार्वजनिक सुरक्षा संस्थाओं ने क्रमशः 14 मार्च घटना खड़ा करने वाले उन प्रमुख संदिगध अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया , जो निर्वासित दलाई गुट के साथ घनिष्ट सम्पर्क बनाये रखे हुए हैं , दलाई गुट के सुरक्षा विभाग के एक अमुक आधिकारी द्वारा देश के भीतर स्थापित सूचना जाल का प्रारम्भित रूप से पता लगाया है । वर्तमान में ल्हासा की सार्वजनिक सुरक्षा संस्था ने प्रत्यक्ष रूप से 14 मार्च घटना रचने और उस में भाग लेने वाले अमुक प्रमुख संदिग्ध अपराधी को पकड़ लिया है । इस संदिग्ध अपराधी ने यह कबूल किया है कि वह दलाई गुट के एक अधिकारी के साथ सम्पर्क बनाये रखे हुए है और उस की प्रेरणा में जातीय विभाजन करने की अपराधपूर्ण हरकतें की हैं ।
रिपोर्ट के अनुसार इस संदिग्ध अपराधी ने यह मान लिया है कि चीन के भीतर कड़ी भूमिगत सूचना जाल कायम किया गया है और दलाई गुट के साथ सम्पर्क बनाने में गुप्त भाषा का प्रयोग किया गया है ।
श्री ऊ हो फिंग ने कहा कि वर्तमान में हमें प्राप्त पर्याप्त सबूतों से साबित हो गया है कि 14 मार्च घटना दुलाई गुट द्वारा संगठित तिब्बती जन विद्रोह आंदोलन की योजना का एक भाग है , उस का मकसद तिब्बत में एक समन्वित विनाशकारी कार्यवाही के जरिये चीन के लिये खतरा पैदा करना है ।
श्री ऊ हो फिंग ने कहा कि तथाकथित तिब्बती जन विद्रोह आंदोलन का मकसद वास्तव में 2008 पेइचिंग आलम्पियाड को तिब्बती स्वाधीनता को साकार बनाने का अपना अंतिम मौका समझकर देश को विभाजित करना है ।
दलाई गुट का तिब्बती जन विद्रोह आंदोलन का मकसद देश की स्थिर व एकजुट सामाजिक स्थिति को भंग करना और आलम्पियाड के जरिये चीन सरकार पर दबाव डालकर देश को विभिजित करने का लक्ष्य प्राप्त करना है ।
श्री ऊ हो फिंग ने यह भी परिचय देते हुए कहा कि इधर दिनों में दलाई गुट ने विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में तथाकथित तिब्बत की हिमायत , पृथ्वीव्यापी कार्यवाही दिन जैसी गतिविधियां भी रच डालीं । चीनी पुलिस को प्राप्त सूचना के अनुसार तिब्बती स्वाधीनता संगठन और हिंसक कार्यवाही का इंतजाम करेगा । इसलिये हमें आशा है कि लोग दलाई गुट और तिब्बती स्वाधीनता वाले तत्वों की विभिन्न गतिविधियों के प्रति सतर्क रहेंगे ।