2008-04-02 09:54:59

पोताला महल की तलहटी में स्थित प्राचीन बर्फिला शहर म्युजियम

बर्फीले शहर का क्षेत्रफल करीब 50 हजार वर्गमीटर विशाल है , उस के प्रमुख भवनों में पुराने तिब्बत की स्थानीय सरकारी दफ्तर इमारत , लामाओं और कुलीनों के निवास स्थान , नीचले स्तर वाले कर्मचारियों , मजदूरों व नौकरों के मकान और कुछ सेवा संस्थापन व सहायक निर्माण शामिल हैं । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के सांस्कृतिक अवशेष ब्यूरो के उप प्रधान तान चंग लांग चेह ने इस का परिचय देते हुए कहा बर्फीला शहर विश्व सांस्कृतिक विरासतों में से एक पोताला महल का एक संगठित भाग ही है , इस में अत्यंत समृद्ध वास्तु निर्माण कला व सांस्कृतिक महत्व गर्भित है , साथ ही वह मेहनतकश जनता द्वारा इतिहास का सृजन किये जाने की सजीव अभिव्यक्ति ही नहीं , वह पुराने तिब्बती समाज , अर्थतंत्र व संस्कृति को पहचानने का महत्वपूर्ण ठोस नमूना और पुराने तिब्बत की सामंती भूदास व्यवस्था का प्रतिबिंब करने वाला एक झरोखा भी है ।

आज के इस कार्यक्रम में हम आप को चीनी तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विश्वविख्यात पोताला महल की तलहटी में स्थित प्राचीन बर्फीले शहर का दौरा करने ले जा रहे हैं । तिब्बती भाषा में बर्फ का अर्थ है नीचला स्थान , पर यहां पर विशेष तौर पर पहाड़ी गढ़ के ठीक नीचे खड़े गांव को कहा जाता है । बर्फीला शहर पोताला महल के ठीक नीचे स्थित भवन निर्माण समूह ही है । जबकि बर्फीला शहर पोताला महल के पूरे भवन निर्माण समूहका एक संगठित भाग ही है , अतः उस का इतिहास पोताला महल जितना बराबर पुराना है ।

बर्फीले शहर का क्षेत्रफल करीब 50 हजार वर्गमीटर विशाल है , उस के प्रमुख भवनों में पुराने तिब्बत की स्थानीय सरकारी दफ्तर इमारत , लामाओं और कुलीनों के निवास स्थान , नीचले स्तर वाले कर्मचारियों , मजदूरों व नौकरों के मकान और कुछ सेवा संस्थापन व सहायक निर्माण शामिल हैं । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के सांस्कृतिक अवशेष ब्यूरो के उप प्रधान तान चंग लांग चेह ने इस का परिचय देते हुए कहा बर्फीला शहर विश्व सांस्कृतिक विरासतों में से एक पोताला महल का एक संगठित भाग ही है , इस में अत्यंत समृद्ध वास्तु निर्माण कला व सांस्कृतिक महत्व गर्भित है , साथ ही वह मेहनतकश जनता द्वारा इतिहास का सृजन किये जाने की सजीव अभिव्यक्ति ही नहीं , वह पुराने तिब्बती समाज , अर्थतंत्र व संस्कृति को पहचानने का महत्वपूर्ण ठोस नमूना और पुराने तिब्बत की सामंती भूदास व्यवस्था का प्रतिबिंब करने वाला एक झरोखा भी है ।

तिबब्त स्वायत्त प्रदेश के सांस्कृतिक अवशेष ब्यूरो के उप प्रधान तान चंग लांग चेह ने कहा कि बर्फीले शहर के संरक्षण व प्रयोग की परियोजना को कई चरणों में योजनाबद्ध रूप से कदम ब कदम मूर्त रूप में दिया गया है , सब से पहले संबंधित चीनी सांस्कृतिक अवशेष संरक्षण कानून , नियम व विश्व प्राचीन विरासत संधि का अनुसरण करते हुए उस के इतिहास , कलाओं व सांस्कृतिक मूल्यों का पूर्ण रूप से विश्लेषण व आकलन किया गया , फिर पूरी तैयारी कामों के आधार पर उस का जीर्णोधार कार्य शुरू हो गया । इधर सालों में संबंधित विभागों ने लगभग सात करोड़ चीनी य्वान जुटाकर बर्फीले शहर के 22 प्राचीन भवनों का संरक्षण किया या उन की मरम्मत की , साथ ही पोताला महस बर्फीले शहर की संरक्षण व प्रयोग रुपरेखा तैयार किया और जनसमुदाय के बीच हजार से अधिक प्राचीन सांस्कृतिक अवशेष और नाना प्रकार के तीन सौ तीस से अधिक मूल्यवान चित्र खरीद लिये हैं ।

रिपोर्ट के अनुसार बर्फीले शहर की प्रथम चरण की परियोजना पूरी होने के बाद बर्फीले शहर में पुराने तिब्बत की स्थानीय सरकारी संस्थाएं , जेल , कारावास और मौत की सजा देने के स्थल , कुछ उच्च स्तरीय अधिकारियों और कुलीनों समेत 11 प्राचीन भवन निर्माण पर्यटकों के लिये खुल गये हैं , जिस से बड़ी तादाद में देशी विदेशी पर्यटकों को मोह लिया जाता है । पोताला महल के बर्फीले शहर की अधिकारी सुश्री यांगचिनचोका ने इस का उल्लेख

करते हुए कहा कि हम ने क्रमशः पोताला महल के बेमिसाल दुर्लभ वस्तु भवन , पश्चिम भारतीय सूत्र भवन और अनाज गोदाम जैसे तीन प्राचीन निर्माणों को पर्यटकों के लिये खोल दिया है । इसी बीच उक्त प्राचीन सांस्कृतिक अवशेषों का सहायत काम भी पूरा कर लिया है । नवनिर्मित बर्फीला शहर प्रदर्शन क्षेत्र में उक्त प्राचीन भवनों के मूल रूपों को हू ब हू पुनर्निर्मित करने के सिद्धांत के अनुसार ऐतिहासिक सूरत को बनाये रखने के साथ साथ निखार आया है , प्रदर्शनी भवनों व हालों में प्रदर्शित वस्तुओं व चित्रों ने तिब्बत में जमीन आस्मान का बड़ा परिवर्तन दर्शाया है । अभी तक हम ने विभिन्न क्षेत्रों से आये करीब एक लाख पर्यटकों का सत्कार किया है ।

इस लेख का दूसरा भाग अगली बार प्रस्तुत होगा, कृप्या इसे पढ़े ।

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