समीक्षा में कहा गया है कि 14 मार्च को तिब्बत की राजधानी ल्हासा में तोड़फोड़, लूटमार और आगजनी वाली हिंसक घटनाएं हुईं, जिस से दलाई लामा ग्रुप की मातृभूमि को अलग करने वाली साजिश जाहिर हुई है।
समीक्षा में कहा गया है कि सात सौ वर्षो से पूर्व य्वान राजवंश में तिब्बत औपचारिक तौर पर चीन का एक अंग बन गया था । य्वान राजवंश के शासकों ने तिब्बत में राजनीतिक व्यवस्था कायम की थी । वर्ष 1368 में य्वान राजवंश का स्थान लेकर मिंग राजवंश ने भी तिब्बत पर प्रशासन किया था । वर्ष 1644 में छिंग राजवंश ने तिब्बत के प्रशासन को मज़बूत किया । वर्ष 1949 में नए चीन की स्थापना के बाद केंद्र सरकार और तिब्बत की स्थानीय सरकार के प्रतिनिधियों ने तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति को लेकर श्रृंखलाबद्ध समझौतों पर हस्ताक्षर किए । वर्ष 1965 में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना की गई । तथ्यों से जाहिर है कि तिब्बत सदा से चीन का एक अभिन्न अंग रहा है । (श्याओ थांग)