तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शिकाज़े प्रिफैक्चर के शिकाज़े मिडिल स्कूल में पढ़ने वाली तिब्बती लड़की त्सेरन लाचेन को भी तिब्बती भाषा पाठयक्रम बहुत पसंद है । उस ने कहा:
"मुझे तिब्बती भाषा कक्षा सब से पसंद है, और मैं कक्षा में अध्यापकों
द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देना भी पसंद करती हूँ । यह मेरी एक विशेष रूचि है । मेरा विचार में मैं अपनी तिब्बती जाति की परम्परागत संस्कृति के संरक्षण के लिए तिब्बती भाषा सीख रही हूँ । स्कूल के बाद घर वापस लौटने के बाद मैं तिब्बती भाषा से माता पिता के साथ बातचीत करती हूँ ।"
तिब्बती लड़की त्सेरन लाचेन चीनी हान भाषा भी अच्छी तरह बोल
सकती है । उस ने तिब्बत की राजधानी ल्हासा के प्राइमरी स्कूल में चीनी हान भाषा सीखी थी। तिब्बती लड़की त्सेरन लाचेन ने कहा:
"मैं ने प्राइमरी स्कूल से ही चीनी हान भाषा सीखना शुरू किया था । प्राइमरी स्कूल के प्रथम साल से अंतिम साल तक हान भाषा के पाठयक्रम होते है । एक हफ्ते में हान भाषा की सात कक्षाए होती है । मुझे हान भाषा पसंद है । क्यों कि हान भाषा सीखने से भविष्य में नौकरी करने के लिए अच्छा मौका मिल सकता है और हमारे यहां बहुत से हान जाती के लोग आते रहते हैं , मैं उन के साथ बातचीत कर सकती हूं , इसलिए हान भाषा सीखना बहुत ही योग्य है ।"
तिब्बती लड़की लाचेन के अनुसार स्कूल के अध्यापक-अध्यापिका तिब्बती जाति के ही नहीं, हान जाति के भी होते हैं । भाषाओं की कक्षाओं में हान भाषा और तिब्बती भाषा दोनों चलती हैं । गणित और कम्प्यूटर आदि सब हान भाषा से सिखायी जाती हैं ।
स्थानीय शिक्षा ब्यूरो के उप प्रधान सुश्री देहछिंग चोमा ने जानकारी
देते हुए कहा कि पूरे क्षेत्र में तिब्बती भाषा और हान भाषा की कक्षाए खोलना बहुत फलदायक है । उन का कहना है:
"हम ने अध्यापकों व अध्यापिकाओं से हान भाषा से कक्षा देने
का अनुरोध किया, जिस से स्कूल में तिब्बती जाती के विद्यार्थीयों को हान भाषा बहुत अच्छी तरह आती है, और हान जाति के विद्यार्थियां तिब्बती भाषा से सरलता से एक दूसरे के साथ आदान प्रदान कर सकते हैं ।"
भाषा मानव के बीच आदान प्रदान का एक साधन है । किसी एक नयी भाषा हासिल करने से एक दूसरों के साथ आदान प्रदान का एक और नया साधन प्राप्त किया जा सकता है , जो उस के जीवन, उस की पढ़ाई और उस के कामकाज के लिए निसंदेह मददगार सिद्ध होगा । साथ ही वह ज्यादा ताज़ा सूचना प्राप्त करने की माहिरता हासिल कर , विश्व के साथ संबंध को अधिक मज़बूत करने में अपनी विशेष भूमिका अदा कर सकता है । चीनी अल्पसंख्यक जातीय की जनसमूह को चीनी हान भाषा और उन की अपनी मातृभाषा सीखने से उन्हे एक दूसरे के साथ आदान प्रदान का एक और साधन उपलब्ध होता है । इस की चर्चा में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शीर्ष नेता श्री चांग छिंगली ने कहा:
"मुझे लगता है कि अल्पसंख्यक जातियों के लिए उन की मातृभाषा और चीनी भाषा के माध्यम से शिक्षा देने की भारी आवश्यकता है । यह अल्पसंख्यक जातियों के खुद के लिए ही नहीं बल्कि हमारे देश के लिए , यहां तक की सारी दुनिया के लिए अत्यन्त लाभदायक है। वरना अल्पसंख्यक जातीयों के लोगों को दूसरों से संपर्क करने में भारी असुविधाए झेलनी पड़ेगी । सूचनाएं हासिल करने और कुछ आधुनिक वैज्ञानिक व तकनीक जानकारी पाने में मुश्किल महसूस होगी। मेरा विचार है कि तिब्बती भाषा और हान भाषा के माध्यम से शिक्षा देना तिब्बती जाति और दूसरी अल्पसंख्यक जातियों को मदद देने का एक बेहतरीन तरीका है । जिस से उन का दृष्टिकोण और विशाल होगा और उन की क्षमता और बढ़ेगी । इस का प्रयोग कर वे अपने जीवन में सुधार करने में सक्षम होगे।"
हमारी आशा है कि चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में ही नहीं, देश भर के अन्य अल्पसंख्क जातीय क्षेत्रों में भी दुभाषीय पढ़ाई का निरंतर विकास होता रहेगा है । इस से हमारे देश के अल्पसंख्क जातिय विद्यार्थियां अपनी जातीय भाषा सीखने के आधार पर देश में प्रचलित हान भाषा को भी हासिल कर सकते है । वे दूसरी जातियों के व्यक्तियों के साथ अच्छी तरह आदान प्रदान कर सकते हैं और समुन्नत ज्ञान भी प्राप्त कर सकते हैं । यह चीनी अल्पसंख्यक जातीय छात्रों की समान अभिलाषा है । तिब्बती लड़की त्सेरन लाचेन ने गीत के जरिए अपनी आशा जतायी।
"मेरा बड़ा मन है कि मैं चीन के भीतरी इलाके का दौरा कर सकूं । मेरी आशा है कि भीतरी इलाके के छात्र हमारे तिब्बत की यात्रा करेगें और मैं अधिकाधिक हान जातिय छात्रों के साथ दोस्ती का संबंध कायम कर सकूंगी ।"(श्याओ थांग)