2008-03-28 10:08:22

तिब्बत के आधुनिक निर्माण में प्राप्त उपलब्धियों को नकारने की इजाजत नहीं

चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमसी के जातीय सवाल विशेषज्ञ ज़ालोंग ने हाल ही में पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि ल्हासा में हुई मारपीट ,आगजनी व लूट पाट की अपराधपूर्ण वारदात के पीछे दलाई गुट का हाथ है , उस का मकसद तिब्बत को मातृभूमि से विभाजित करने की कोशिश करना है । लेकिन इधर दिनों में कुछ पश्चिमी मीडियाओं ने इस वारदात का उल्लेख करते हुए कहा कि यह घटना तिब्बती नागरिकों की आधुनिकीकरण संबंधी अभिलाषा को साकार नहीं किये जाने से हुई है । यह कथन स्पष्टतः तथ्यों के खिलाफ है और दुराश्य लिये हुए है ।
ज़ोलोंग ने कहा कि पुराने तिब्बत में अर्थतंत्र अत्यन्त पिछड़ा था और जनजीवन अत्यंत दूभर था । शांतिपूर्ण मुक्ति से पहले तिब्बत में कोई पक्की सड़क नहीं थी । जबकि 2007 के अंत तक समूचे तिब्बत के 92 प्रतिशत टाऊंशिपों व 71 प्रतिशत के प्रशासनिक गांवों में मोटर सड़कों की सुविधा उपलब्ध हो गयी है ।
ज़ालोंग ने कहा कि प्राकृतिक , ऐतिहासिक व सामाजिक कारणों से तिब्बत में आर्थिक आधार बहुत कमजोर है , पर विभिन्न जातियों की जनता के प्रयासों से तिब्बत में उल्लेखनीय शानदार उपलब्धियां हासिल हो गयी हैं , हर जगह पर नया नजारा नजर आ रहा है । और महत्वपूर्ण बात यह है कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की सभी जातीय जनता ने अपने भाग्य का बागडोर अपने हाथ में ले लिया है , तिब्बती जाति समूचे देश की विभिन्न जातियों के साथ आधुनिक विकास के प्रशस्त पथ पर चल निकली है । इस अकाट्य तथ्य को किसी भी व्यक्ति द्वारा नकारा नहीं जा सकता ।
 
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