चीन के राष्ट्राध्यक्ष श्री हू चिन थाओ ने 26 तारीख की रात को अमरीका के राष्ट्रपति श्री बुश के साथ फोन पर बातचीत की।
थाइवान की समस्या पर श्री हू चिन थाओ ने श्री बुश और अमरीकी सरकार की एक चीन की नीति का पालन करने, चीन अमरीका की तीन संयुक्त विज्ञप्तियों का पालन करने, थाइवान की स्वावधीनता का विरोध करने, थाइवान के संयुक्त राष्ट्र में प्रवेश के लिए जनमत-संग्रह के आयोजन का विरोध करने और थाइवान के संयुक्त राष्ट्र व अन्य प्रभुसत्ता संपन्न देशों के अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में भाग लेने का विरोध करने के रूख की प्रशंसा की। श्री हू चिन थाओ को आशा है कि चीन अमरीका थाइवान जलडमरूमध्य क्षेत्र की शांति व स्थिरता की रक्षा करने के लिए एक साथ कोशिश कर सकेंगे।
ल्हासा में हुई हिंसक घटना के बारे में श्री हू चिन थाओ ने कहा कि यह घटना दलाई लामा का कथित शांतिपूर्ण प्रदर्शन व अहिंसक कार्यवाही नहीं है , वह संगीन नंगी हिंसा कार्यवाही है और उस ने गंभीर रूप से मानवाधिकार का अतिक्रमण किया है और चीन के समाज व जनता को बड़ा जानी माली नुक्सान पहुंचाया है। कोई भी जिम्मेदाराना सरकार ऐसी घटना को आंखें मूंदे देख नहीं ले सकती।
श्री हू चिन थाओ ने जोर देते हुए कहा कि चीन सरकार की दलाई लामा के प्रति स्पष्ट नीति है। अगर दलाई लामा तिब्बत को विभाजित करने का आग्रह त्याग देंगे, तिब्बत में हिंसक कार्यवाही रचना बंद करेंगे, पेइचिंग ऑलंपिक का विरोध करने की कार्यवाही नहीं करेंगे और तिब्बत और थाइवान को चीन का एक भाग मानेंगे, तो चीन सरकार उन से वार्ता करने को तैयार है।
दोनों नेताओं ने कोरिया प्रायद्वीप की नाभिकीय समस्या पर भी विचार विमर्श किया।(पवन)
![]() |
![]() |
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040 |