तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के धार्मिक जगत के वरिष्ठ भिक्षुओं ने हाल में कहा कि 14 मार्च को ल्हासा में हुई तोड़-फोड़, लूटमार और आगजनी की घटना से दलाई गुट का तिब्बत व तिब्बती धर्म को नुकसान पहुंचाने का मकसद जाहिर हुआ है ।
चीनी बौद्ध धर्म संघ की तिब्बती शाखा के उपाध्यक्ष जीवित बौद्ध लादार नगाग्वांग-देनदचिन ने कहा कि दलाई ने अपने धार्मिक स्थान के जरिये कुछ भिक्षुओं को तिब्बत में गड़बड़ियां रचने के लिए भड़काया है । उन की कार्यवाइयों से न सिर्फ सामान्य धर्म व्यवस्था भंग की गयी है , बल्कि बौद्ध धर्म के नियमों का भी पूर्ण रुप से उल्लंघन हुआ है ।
चीनी बौद्ध धर्म संघ की तिब्बती शाखा के अध्यक्ष , जीवित बौद्ध डूपकांग टूपतेन कडूप ने कहा कि जीवित बौद्ध होने के नाते मुझे लाल चोगा पहनने वाले भिक्षुओं की हिंसक कार्यवाइयां देखकर बहुत दुख हुआ है और क्रोध आया है । उन्हों ने तिब्बत के सभी मंदिरों के जीवित बौद्धों व वरिष्ठ भिक्षुओं से फूटपरस्तों को पहचानने , अपने मंदिरों का अच्छा प्रबंध करने तथा अपने अनुयायियों को शिक्षित करने की अपील की ।
तिब्बत के दाग्चा मंदिर के जीवित बौद्ध दाज़ांग देनचिन-गेलेज ने कहा कि कुछ मंदिरों के इने-गिने भिक्षु अच्छी तरह सूत्र नहीं पढ़ते, और न ही बौद्ध धर्म के नियमों का पालन करते हैं, उलटे सामान्य धार्मिक नियमों का उल्लंघन करते हैं । उन की कार्यवाहियों से धर्म और अनुयायियों के मूल हितों को नुकसान पहुंचा है ।
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