चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता श्री छिन कांग ने 26 तारीख को पेइचिंग में कहा कि चीन सरकार दलाई लामा द्वारा किसी भी हैसियत से अन्य देशों में जाकर चीन को विभाजित करने की गतिविधि में लिप्त होने का दृढ़ विरोध करती है, किसी भी देश द्वारा दलाई लामा के साथ किसी भी तरीके से सरकारी संपर्क करने का भी दृढ़ विरोध करती है।
जब संवाददाता ने पूछा कि रिपोर्ट है कि फ्रांसीसी विदेश मंत्री श्री कोछनर ने 25 तारीख को कहा कि वह तिब्बत पर चीन सरकार के दबाव को नहीं सहते है। फ्रांसिसी विदेश मंत्रालय के राजनीति व मानवाधिकार मामलात के जिम्मेदार राज्य सचिव श्री यार्दे ने कहा कि यदि दलाई लामा फ्रांस की यात्रा करने आया , तो वे बिना हिचकिचाहट के दलाई लामा से मुलाकात करेंगी। इस पर चीन की क्या टिप्पणी है।
श्री छिन कांग ने कहा कि ल्हासा घटना दलाई लामा गुट द्वारा रची गयी अलगाववादी कार्यवाई है। चीन सरकार ने कानून के अनुसार, कार्यवाई की, ताकि ल्हासा आदि स्थलों में व्यवस्था सामान्य हो सके। यथार्थ व न्यायपू्र्ण रूख अपनाने वाले किसी भी देश को चीन द्वारा सामाजिक स्थिरता और जनता के जान-माल की सुरक्षा के लिए अपनाये गये आवश्यक व न्यायपू्र्ण कदमों का समर्थन करना चाहिए।
श्री छिन कांग ने कहा कि ल्हासा घटना ने फिर एक बार यह साबित किया है कि दलाई लामा कतई शुद्ध धार्मिक व्यक्ति नहीं है, बल्कि लम्बे अरसे से धार्मिक आड़ में शांति के बहाने चीन का विभाजन करने, जातीय एकता को तोड़ने और सामाजिक स्थिरता को बर्बाद करने का राजनीतिक निर्वासित व्यक्ति है। (श्याओयांग)
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